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जलवायु परिर्वतन खेती के लिए खतरा

By Edited By: Published: Thu, 28 Aug 2014 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 28 Aug 2014 10:29 PM (IST)
जलवायु परिर्वतन खेती के लिए खतरा

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: राजकीय इंटर कालेज लमगड़ा के बाल वैज्ञानिकों का जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव विषय पर सर्वेक्षण कार्य जारी है। विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण के बाद बाल वैज्ञानिकों ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन पारम्परिक खेती के लिए खतरा है।

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विद्यालय के बाल वैज्ञानिक अभिषेक सनवाल, आर्यन रौतेला, अमित वर्मा, मयंक कपकोटी, नेहा बिष्ट व मार्गदर्शक शिक्षक विनोद राठौर के निर्देशन में ग्राम सभा ठाठ के विभिन्न तोकों में जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव पर शोध कार्य कर रहे हैं। सर्वेक्षण में उन्होंने पाया कि जलवायु परिवर्तन से परम्परागत फसलें मड़वा, कौणी, मादिरा, तिल, भट्ट व गहत आदि फसलों के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ा है। उन्होंने क्षेत्र के अनेक काश्तकारों से बातचीत के बाद बताया कि पहले परम्परागत फसलें ही ज्यादा उगाई जाती थी। लेकिन अब जलवायु परिवर्तन के कारण काश्तकारों का उनसे मोहभंग होता जा रहा है। साथ ही जलवायु परिवर्तन व अनियमिता वर्षा से इन फसलों के उत्पादन में भी कमी आई है।


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