भूमिहीनों की लड़ाई में मुंशी के आगे झुके ब्रितानी
जागरण संवाददाता, रानीखेत : कुमाऊं-गढ़वाल में भूमिहीन शिल्पकार एवं मजदूरों के हित को ब्रितानी हुकूमत को झुकाने वाले रायबहादुर मुंशी हरिप्रसाद टम्टा को उनकी 126वीं जयंती पर भावपूर्ण स्मरण किया गया। वक्ताओं ने मुंशी को दूरदर्शी, समाज के कमजोर तबके के लिए आजीवन संघर्ष कर उन्हें शिक्षा से जोड़ने वाली विभूति बताया। साथ ही उनके विचारों को आत्मसात करने का आह्वान भी किया गया।
अंबेडकर पार्क में उत्तराखंड एससी-एसटी इम्पलॉइज फेडरेशन, बामसेफ व अंबेडकर मिशन के संयुक्त तत्वावधान में गोष्ठी हुई। वक्ताओं ने मुंशी के जीवन एवं संघर्षा तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कहा कि वह सच्चे अर्थो में कर्मठ, समाजसेवी, मानवतावादी, बंधुत्व, समता के पैरोकार रहे। कहा गया कि भूमिहीन मजदूर एवं शिल्पकारों को आवासीय सुविधा, शिक्षा आदि मुंशी हरिप्रसाद टम्टा की ही देन रही।
प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय डॉ.चंद्र राम के साथ ही बामसेफ अध्यक्ष बी.चंद्रा, फेडरेशन अध्यक्ष मोहन कोली, मदन राम, प्रमोद टम्टा, बीआर आय्र, रमेश राम, कृपाल राम, बीना प्रकाश, नारायण राम आदि ने भी विचार रखे। गोष्ठी में हरीश लाल, मनोज टम्टा, दीवानी राम, नवीन कोहली, एनपी आर्य, मनोज कुमार, केआर आर्य, केवल टम्टा, चंद्रशेखर, वीरेंद्र प्रसाद आदि उपस्थित थे।