देवी आराधना से मनोवांछित फल
-महाकाली, महालक्ष्मी व महा सरस्वती के अवतारों का बखान
- धारानौला में श्रीमद् भागवत कथा अनुष्ठान
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : देवी की आराधना से मनुष्य को सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कलियुग में देवी भगवती की आराधना विशेष फलदायी है। यह बात यहां धारानौला में आयोजित श्रीमद्देवी भागवत कथा अनुष्ठान में व्यास पं. रमेश चंद्र जोशी शास्त्री ने कही।
श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन व्यास पं. जोशी ने महाकाली, महालक्ष्मी व महासरस्वती के अवतारों का बखान किया। उन्होंने कहा कि देवी की पूजा-अर्चना से मनुष्य को निरोगी काया के साथ ही सुख-शांति की प्राप्ति होती है। उन्होंने व्यास जन्म के बारे में भी श्रद्धालुओं को जानकारी दी। कहा कि कथा स्थल पर पहुंचने व इसके श्रवण मात्र से ही मनुष्य के कष्टों का शमन हो जाता है, जिससे मनुष्य शांति अनुभव करने लगता है। धारानौला के सचिन मैरिज हॉल में चल रही कथा श्रवण को नगर के विभिन्न मोहल्लों समेत दूरस्थ गांवों से भी लोग पहुंच रहे हैं।
कथा आयोजक कौस्तुभानंद उप्रेती ने बताया कि कथा प्रतिदिन अपरान्ह एक से सायं 5 बजे तक चलेगी। इसके बाद प्रतिदिन भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने लोगों से अधिकाधिक संख्या में पहुंचकर पुण्य लाभ अर्जित करने का आह्वान किया है। मंगलवार को कथा स्थल पर ही सुंदरकांड पाठ का भी आयोजन किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं ने वाद्य यंत्रों के साथ सुंदरकांड के दोहों व चौपाईयों का लयबद्ध पाठ किया। इस मौके पर गणेश तिवारी, भुवन चंद्र जोशी, मुन्नी पांडे, संतोष पांडे, हरीश तिवारी, कृष्णा तिवारी, सचिन उप्रेती समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।