मां की चिता को बेटियों ने दी मुखाग्नि
जाका, अल्मोड़ा : हिंदू धर्म में भले ही मां-बाप के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी बेटों पर है, ऐसी मान्यता हो। मगर परिवार में पुरुषों के नहीं होने से अल्मोड़ा की दो बेटियों ने इस परंपरा को पीछे छोड़ अपनी मां की अर्थी को कंधा देकर मुखाग्नि भी दी।
नगर के गंगोला मोहल्ले में हुक्का क्लब के पास महिला सौंदर्य प्रसाधनों की दुकान चलाने वाली मंजू साह पत्नी स्व.भवेश लाल साह की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी कृतिका इंदौर में रिसर्च कर रही है, जबकि छोटी श्रुतिका नैनीताल में अध्ययनरत है। दो दिसंबर को मंजू साह का नैनीताल में हृदय गति रूकने से निधन हो गया। उनके घर में कोई पुरुष नहीं है। इस कारण दोनों बेटियां समाज की परंपराओं की चिंता छोड़ मां के पार्थिव शरीर को अल्मोड़ा पैतृक आवास लाए। कृतिका और श्रुतिका ने अपनी मां को कंधा दिया। विश्वनाथ घाट पर मां की चिता को अग्नि देकर अंतिम संस्कार किया। अंतिम संस्कार के बाद दोनों बेटियां मां की अस्थियां विसर्जन को हरिद्वार रवाना हो गई हैं। सामाजिक परम्पराओं और उस पर इंसान की बेबसी के बाद भी मंजू की दोनों बेटियों के दुख में पूरे नगर के लोग उनके दुख में उनके साथ शरीक हुए। चौधरी साह महासभा के श्याम लाल साह के साथ संगठन के अनेक सदस्य दोनों बेटियों के पास गए और उन्हें सांत्वना दी। बाद में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें स्व. मंजू साह और नगर के जगमोहन साह की बड़ी बहन के निधन पर शोक प्रकट किया गया। शोक सभा में गोविंद लाल साह, लक्ष्मी लाल साह, शरद साह, बृजेश साह, नंदन लाल, दीप लाल साह, दिनेश लाल, प्रमोद चौधरी, नवीन साह आदि ने नम आखों से दुख की इस घड़ी में दोनों परिवारों को धैर्य प्रदान करने की कामना की।
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