शिव-साज की रसधार, भीगा नटराज का दरबार
वाराणसी : तांडव के प्रणेता भगवान नटराज का दरबार शनिवार को शिव-साज की रसधार से सराबोर ह
वाराणसी : तांडव के प्रणेता भगवान नटराज का दरबार शनिवार को शिव-साज की रसधार से सराबोर हो उठा। ख्यात ड्रमर शिवमणि ने शनिवार को मशहूर पार्श्वगायक एसपी बालसुब्रमण्यम संग पहले अस्सी घाट पर मां गंगा के समक्ष संगीत सरिता बहाई। शाम को बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ को अपने चिर-परिचित अंदाज में संगीतांजलि अर्पित की। शाम को दरबार में पहुंचे शिवमणि ने पहले बाबा को शीश नवाया, फिर ड्रम की थाप पर शिव तांडव उनके नाम किया। अपने अनूठे साजों पर 'हर-हर महादेव' उद्घोष की धुन बजाई और पंचाक्षरी मंत्र गुनगुना कर विभोर कर दिया। खुद भी अभिभूत हुए और कहा-बाबा दरबार में वादन की वर्षो की इच्छा पूरी होने से नया जन्म मिलने की अनुभूति हुई है। उन्होंने दशाश्वमेधघाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से आयोजित गंगा आरती में भी सुर-साज से आराधना की।
इससे पहले शिवमणि ने अस्सी घाट पर सुर साज से पगे आध्यात्मिक आयोजन सुबह-ए-बनारस के मंच पर ड्रम की थाप संग अन्य साजों की झंकार को एकाकार करते हुए भाव गंगा बहाई। इसमें नहाकर श्रोता झूम उठे। ख्यात पार्श्व गायक एसपी बालासुब्रमण्यम ने जब सुर साधे तो शिवमणि ने ड्रम पर उनका साथ दिया। बीएचयू वाद्य विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर राकेश कुमार ने बांसुरी से जुगलबंदी की। एसपी बालासुब्रमण्यम ने राग अहीर भैरव में आदि ताल में निबद्ध शिव स्तुति 'ओम नम: शिवाय..' व गंगा स्तुति 'गंगा तरंग रमणीय जटा कलापं..' सुनाकर मंत्रमुग्ध किया। स्वागत जिला सांस्कृतिक समिति सचिव डा. रत्नेश वर्मा व संचालन डा. प्रीतेश आचार्य ने किया।
मुरारी बापू का मुख्य श्रोता अवार्ड बाबा को अर्पित
कथा मर्मज्ञ मुरारी बापू की ओर से हर साल मुख्य श्रोता के तौर पर दिया जाने वाला तुलसी अवार्ड इस बार बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ को समर्पित किया गया। बतौर प्रतिनिधि किशन जालान ने एक लाख रुपये का चेक, अंगवस्त्रम् व अवार्ड बाबा को समर्पित कर मंदिर के सीईओ एसएन त्रिपाठी को भेंट किया। वास्तव में इससे शिवमणि के बाबा दरबार में ड्रम वादन का संयोग बना। इस मौके पर पूर्व न्यासी उमाशकर पोद्दार, किशन जालान, अखिलेश खेमका, अशोक अग्रवाल, गुलशन कपूर आदि थे।