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बेहोश जाए बच्चा तो सीपीआर से बचेगी जान

वाराणसी : ग्वालियर मेडिकल कालेज के प्रो. एके रावत ने कहा कि यदि बच्चा बेहोश होता है या उसमें किसी प्

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 01:53 AM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 01:53 AM (IST)
बेहोश जाए बच्चा तो सीपीआर से बचेगी जान
बेहोश जाए बच्चा तो सीपीआर से बचेगी जान

वाराणसी : ग्वालियर मेडिकल कालेज के प्रो. एके रावत ने कहा कि यदि बच्चा बेहोश होता है या उसमें किसी प्रकार की प्रतिक्रिया न दिखे तो उसे तुरंत कार्डियो पल्मोनरी रिसोसिवेशन (सीपीआर) देना चाहिए। परिजनों को इसमें बहुत ही तत्परता एवं सावधानी दिखानी पड़ेगी। बच्चों की मृत्यु का कारण 'रेसपीरेटरी फेलियर' या शाक होता है। शाक की स्थिति में नस में इंजेक्शन देना अत्यन्त कठिन हो जाता है, क्योंकि बच्चों की नसें दिखाई ही नहीं देती हैं।

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इस आकस्मिक अवस्था में उनकी हड्डी में 'एक विशेष' इंजेक्शन देकर जान बचाई जा सकती है। इस विधि से बच्चे को आवश्यक फ्लूइड रक्त (ब्लड ट्रॉसफूजन) सहित समस्त दवाईयां दी जा सकती हैं।

प्रो. रावत चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के बाल रोग विभाग में 'एडवास लाइफ सपोर्ट' विषय पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।

उद्घाटन माडर्न मेडिसिन संकाय के प्रमुख प्रो. जेपी ओझा, एसएस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. ओपी उपाध्याय, विभागाध्यक्ष प्रो. विनीता गुप्ता ने किया। प्रो. अनंत केतकर, प्रो. गिरीश भट्ट, प्रो. अशोक कुमार, डा. विवेक चेतन, डा. सुनील राव आदि ने भी विचार रखे। बताया कि 26 फरवरी को बच्चों की बीमारियों तथा उनके निदान पर चर्चा की जाएगी।


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