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पौत्र ने चुराकर बेंच दी बिस्मिल्लाह खां की चांदी की शहनाइयां

भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की चोरी गईं चार शहनाइयों के मामले का स्पेशल टास्क फोर्स की वाराणसी यूनिट ने पर्दाफाश कर दिया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 10 Jan 2017 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 11 Jan 2017 07:11 PM (IST)
पौत्र ने चुराकर बेंच दी बिस्मिल्लाह खां की चांदी की शहनाइयां

वाराणसी (जेएनएन)। भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की चोरी गईं चार शहनाइयों के मामले का मंगलवार को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की वाराणसी यूनिट ने पर्दाफाश कर दिया। शहनाइयां चुराने वाला कोई और नहीं बल्कि उस्ताद का पौत्र नजरे आलम उर्फ शादाब है। शादाब के पिता काजिम ने गत पांच दिसंबर को चौक थाने में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस बाबत शादाब के अलावा सराफा कारोबारी पिता-पुत्र भी गिरफ्तार किए गए हैं। शर्मनाक यह भी रहा कि उस्ताद की बेशकीमती चांदी की शहनाइयों को मामूली आभूषण की तरह गला दिया गया। इनके कब्जे से लकड़ी की एक शहनाई, एक किलो 66 ग्राम चांदी की बटिया, बिक्री के 4200 रुपये व एक मोबाइल फोन बरामद किए गए।

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इस घटना के बाद कला जगत के लोग दुखी थे मगर पर्दाफाश के बाद सामने आए सच से लोग अब स्तब्ध हैं। उस्ताद के सबसे छोटे पुत्र काजिम हुसैन के चौक थानांतर्गत चाहमामा स्थित मकान से दिसंबर के पहले सप्ताह में चांदी की तीन व लकड़ी की एक शहनाई चोरी हो गई थी। चोरी का मामला सुर्खियों में था। इसकी गूंज सत्ता के गलियारे तक गई। स्थानीय पुलिस के अलावा एसटीएफ को भी जांच में लगाया गया। इसी दौरान उस्ताद के पारिवारिक सदस्यों की भूमिका संदिग्ध होने के प्रमाण मिलने लगे। परिवार के लोगों की निगरानी बढ़ा दी गई। इसी बीच मंगलवार को एसटीएफ को जानकारी मिली कि उस्ताद का पौत्र (काजिम का बेटा) नजरे आलम निगरानी से बचने के लिए असम जाने वाला है। इससे पूर्व वह बाहर जाने का कार्यक्रम बना चुका था। लेकिन ट्रेनों के विलंब से चलने के कारण कार्यक्रम रद कर दिया था। इस सूचना पर एसटीएफ ने चौक के हड़हा वीर मंदिर के पास घेराबंदी कर उस्ताद के पौत्र नजरे आलम को गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर छोटी पियरी क्षेत्र निवासी शंकरलाल सेठ व उसके पुत्र सुजीत सेठ को भी गिरफ्तार किया गया।

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उधार चुकाने को चुराई शहनाई

पूछताछ में उस्ताद के पौत्र ने शहनाइयों की चोरी की बात स्वीकार की। उसने चांदी की तीन शहनाई सराफा कारोबारी के यहां 17 हजार रुपये में बेच दी थी। चोरी करने की वजह के बार में बताया कि उसने कुछ लोगों से रुपये उधार लिए थे। उसे चुकता करने के लिए चोरी को अंजाम दिया था। चांदी की तीन शहनाइयों व लकड़ी पर चढ़े चांदी के पत्तर वाली शहनाई को सराफा कारोबारी ने गला दिया था। चांदी की तीनों शहनाई क्रमश: पूर्व प्रधानमंत्री स्व. नरसिम्हाराव, राजद नेता लालू प्रसाद यादव व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने उपहार के तौर पर दी थी। सभी शहनाई धरोहर थीं, कला जगत की विरासत थीं।

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टाइम लाइन

  • 30-नवंबर को पिछले साल उस्ताद के पुत्र व परिवार भीखाशाह वाले मकान में गए थे
  • 04 -दिसंबर को जब लौटे तब शहनाई गायब होने की जानकारी हुई
  • 05 -दिसंबर को उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के बेटे काजिम ने दर्ज कराई रिपोर्ट
  • 10 -जनवरी को घटना का हुआ पर्दाफाश
  • 2009 में भी उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की शहनाई चोरी होने की थी अफवाह
  • 2014 में लकड़ी की दो शहनाई चोरी हुई थी जो बाद में उनके ही घर में मिल गई थी।
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कार में मिले 14 किलो चांदी के आभूषण

आचार संहिता लागू होने के बाद हरकत में आई मऊ की दोहरीघाट पुलिस के हाथ मंगलवार को बड़ी सफलता लगी। पुलिस भोर में वाहनों की चेङ्क्षकग कर रही थी। इसी बीच पुलिस बूथ के पास थानाध्यक्ष संदीप यादव ने एक संदिग्ध वाहन को रोकर तलाशी ली तो कार के अंदर रखे 14 किलो ग्राम चांदी के आभूषण के साथ एक पिस्टल व तीन कारतूस मिले। इसके बाद गाड़ी में सवार दो लोगों को थाने लाई। पुलिस ने उक्त बरामदगी की सूचना वाणिज्य कर विभाग को देते हुए बुधवार को विभाग के अधिकारियों के पहुंचने पर पूरा मामला उनके हवाले कर दिया। अधिकारी आभूषणों की जांच-पड़ताल में जुट गए। थानाध्यक्ष संदीप यादव ने बताया कि चेङ्क्षकग के दौरान बरामद आभूषण 11 पैकेटों में पैक था। इसका वजन 14 किलोग्राम था। आभूषणों की कीमत उसके साथ मिली पर्ची के मुताबिक 3 लाख 22 हजार 719 रुपये है।

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तलाशी के दौरान पडरौना गांव निवासी संदीप वर्मा व अजय भारती के पास से एक अदद पिस्टल व तीन जिंदा कारतूस भी बरामद हुए। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे व्यापारी हैं और वाराणसी से आभूषणों की खरीद कर पडरौना जा रहे थे। असलहा उनका लाइसेंसी है। हालांकि आभूषण खरीद के मामले में बरामद कागजात फर्जीवाड़े की ओर इशारा कर रहे थे। इस पर पुलिस ने उनसे सारे कागजात व आभूषणों को थाने में रखवाते हुए उनका असलहा वापस कर दिया। बाद में वाणिज्य कर अधिकारी बालचंद्र भी अपनी टीम के साथ थाने पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए। टीम ने बताया कि जांच में तकनीकी गड़बड़ी मिली है। कथित व्यापारियों के मुताबिक आभूषणों की खरीद 09 जनवरी को हुई और 10 जनवरी को उक्त लोग पकड़ लिए गए जबकि खरीद की रसीद में 11 जनवरी अंकित है। उन्होंने बताया कि उक्त संबंध में जांच चल रही है। गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।


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