नवरात्र में वाराणसी स्टेशन पर सिर्फ शाकाहार
नवरात्र को देखते हुए वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के रेस्टोरेंट और स्टॉल संचालकों ने आठ दिनों तक मांसाहार न बेचने का निर्णय लिया है।
वाराणसी (जागरण संवाददाता)। दुनिया की सबसे प्राचीन धर्मनगरी की ओर से एक हुई है जिसने बता दिया है कि नियम-कानून बनाने और उसका पालन कराने के लिए लाठी-डंडा चलाने से कहीं अधिक अंतरआत्मा को जगाना कारगर होता है। इसे इस तरह समझा जा सकता है कि 29 मार्च से नवरात्र को देखते हुए कैंट रेलवे स्टेशन के रेस्टोरेंट और स्टॉल संचालकों ने आठ दिनों तक अंडा समेत मांसाहार न बेचने का निर्णय लिया है।
इससे परहेज करते हुए सिर्फ शुद्ध शाकाहारी भोजन और फलाहार के पैकेट ही बेचे जाएंगे। यहां से चलने वाली महामना एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों में इस निषेध का पालन किया जाएगा। कैंट स्टेशन पर इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) की ओर से एक फूड प्लाजा, दो फास्ट फूड यूनिट व एक जनाहार केंद्र संचालित हैं। महामना एक्सप्रेस में भी खानपान पूरी तरह आइआरसीटीसी ही संभालती है।
इनमें अंडा करी व इससे संबंधित आइटम की डिमांड अधिक रहती है। हालांकि शक्ति आराधना के नौ दिनी पर्व पर नौ गौरी व नौ देवियों के भी दर्शन-पूजन के लिए आसपास और दूरदराज के जिलों के श्रद्धालुओं का रेला उमड़ता है। इस दौरान भोले बाबा की नगरी काशी शक्तिमय हो जाती है। लाजिमी तौर पर ट्रेनों में भी इसका असर दिखता है। इस दौरान रेस्टारेंट व स्टॉल संचालकों की ओर से नॉनवेज बंदी के स्वप्रेरित फैसले को हर स्तर पर सराहा जा रहा है।
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आइआरसीटीसी के स्थानीय प्रभारी (कैंट) संदीप शुक्ला के अनुसार विभागीय स्तर पर इस तरह का कोई निर्देश तो नहीं जारी किया गया पर प्लाजा समेत रेस्टारेंट संचालकों के फैसले से कार्पोरेशन उत्साहित है। इसमें उनका हर स्तर पर सहयोग किया जाएगा।
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