जैसे बोल उठीं कला-कृतियां
वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित दृश्य कला संकाय की कला दीर्घा में आम तौर पर विद्यार्थियों के कृतियों की प्रदर्शनी लगती रही है पर बुधवार को इसी दीर्घा में यहां के शिक्षकों की कृतियों की प्रदर्शनी लगी। 'उत्तरायण' नामक इस प्रदर्शनी में कृतियां जैसे बोलती नजर आईं।
मूर्तिकला, वस्तुकला, टेक्सटाइल्स, पेंटिंग्स, सेरामिक, पाटरी आदि की ये कृतियां जीवन के विविध पहलुओं को इंगित करतीं रहीं। कहीं अनंत जीवन की सोच थी तो कहीं अस्तित्व का भान। प्रो. आरएन मिश्रा, प्रो. मृदुला सिन्हा, एस प्रणाम सिंह, डॉ. डीपी मोहंती, डॉ. जसमिंदर कौर, डॉ. उत्तमा, हीरालाल प्रजापति, विधुभूषण सिंह, मृगेंद्र प्रताप सिंह, प्रो. भानु अग्रवाल, प्रो. अंजन चक्रवर्ती आदि शिक्षकों की कृतियों को देखने के लिए दिन भर शिक्षकों व छात्रों, कलाप्रेमियों का तांता लगा रहा। उद्घाटन एसएमएस के निदेशक डॉ. पीएन झा ने किया। विशिष्ट अतिथि थे पूर्व केंद्रीय मुख्य सूचना आयुक्त डॉ. ओपी केजरीवाल। प्रदर्शनी 21 जनवरी तक पूर्वाह्न 11 से अपराह्न चार बजे तक खुली रहेगी।
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