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वाराणसी हादसे में 25 की मौत, कई पुलिस अधिकारी निलंबित

वाराणसी में कल राजघाट पुल के पास बाबा जयगुरुदेव के कार्यक्रम में अचानक भगदड मचने से करीब 25 के मरने की सूचना है जबकि घायलों की संख्या अधिक है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 15 Oct 2016 02:36 PM (IST)Updated: Sun, 16 Oct 2016 11:45 AM (IST)
वाराणसी हादसे में 25 की मौत, कई पुलिस अधिकारी निलंबित
वाराणसी हादसे में 25 की मौत, कई पुलिस अधिकारी निलंबित

वाराणसी (जेएनएन)। जय गुरुदेव आध्यात्मिक सत्संग के लिए जुटी लाखों की भीड़ को संभालने में हुई प्रशासनिक चूक के चलते शनिवार को बनारस में बड़ा हादसा हो गया। गंगा पर बने अंग्रेजों के जमाने के लगभग 129 साल पुराने राजघाट पुल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अव्यवस्था का शिकार हुई जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में 25 लोगों की जान चली गई। मरने वालों में 21 महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं। इनमें 19 शवों को बीएचयू व छह को चंदौली जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। समाचार लिखे जाने तक मृतकों में मात्र 13 की शिनाख्त हो सकी थी।

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तस्वीरें- वाराणसी में बाबा जय गुरुदेव के कार्यक्रम में भगदड़

रात में प्रशासन की ओर से शवों को संबंधित जिलों में भेजा जाने लगा तो कुछ के परिवारीजनों की इच्छा पर बनारस में ही अंत्येष्टि की व्यवस्था कराई गई। वाराणसी-चंदौली सीमा पर स्थित डोमरी में जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था (मथुरा) की ओर से दो दिवसीय सत्संग महामानव संगम का आयोजन किया गया था। इसमें भाग लेने के लिए देश के विभिन्न राज्यों सहित नेपाल से भी अनुयायी आए हुए थे। पहले दिन शनिवार की सुबह श्रद्धालुओं के जत्थे को जुलूस की शक्ल में शोभायात्रा के लिए नगर की ओर रवाना किया गया।

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शोभायात्रा को बनारस के करीब आधे शहर का चक्कर काटते हुए वापस आयोजन स्थल पहुंचना था। यह क्रम तय समय पर शुरू हुआ। दोपहर करीब 12.30 बजे शहर से लौट रहे श्रद्धालुओं और आयोजन स्थल से नगर के लिए निकले जत्थे के चलते राजघाट पुल पर ठसाठस भीड़ हो गई। लोहे के पुल पर लोग इस कदर ठसे हुए थे कि हिलना भी मुश्किल हो रहा था। बताया जा रहा है कि इसी दौरान पुल के चंदौली (पड़ाव) छोर पर एक वृद्धा गश खाकर गिर पड़ी जबकि इसी दौरान एक बाइक सवार भी भीड़ के धक्के से गिर पड़ा। वृद्धा और मोटरसाइकिल के गिरने से भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे पर गिरने-भहराने लगे। धूप के बीच इस भगदड़ से एक के बाद एक दर्जनों लोग बेसुध होकर गिर पड़े। मौके पर बिखरे जूते-चप्पल, बर्तन, कपड़े और हेलमेट आदि दर्द विदारक घटना का मंजर बयां कर रहे थे।

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भीड़ में फंस गई राहत

पुल के अलावा दोनों छोर पर अत्यधिक भीड़ और भीषण जाम के चलते हादसा स्थल से घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाने में काफी विलंब हुआ। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों की मौत मौके पर ही हो चुकी थी जबकि कई लोगों की सांसें देर तक चल रही थीं। हालांकि घायलों को जब तक रामनगर स्थित लालबहादुर शास्त्री राजकीय अस्पताल पहुंचाया गया, उनमें से अधिकांश की मौत हो चुकी थी। अस्पताल तक पहुंचने में ही करीब दो घंटे से अधिक वक्त लगा। शुरुआत में मरने वालों की संख्या 18 बताई गई जो दो घंटे बाद शाम पांच बजे तक 20, उसके आधे घंटे बाद 24 पहुंच गई।

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4000 की अनुमति, लाखों की जुटान

कार्यक्रम के आयोजकों ने जिला प्रशासन से अनुमति लेते वक्त लिखित दिया था कि यहां तीन से चार हजार लोग जुटेंगे। इसी आधार पर अनुमति दी भी गई। इसके बावजूद शहर में शुक्रवार की रात तक ही हजारों की संख्या में अनुयायी जुट चुके थे। शनिवार की सुबह यह संख्या लाखों पार कर चुकी थी, इतने पर भी पुलिस प्रशासन की ओर से भीड़ व यातायात नियंत्रण के कोई उपाय नहीं किए गए। यहां तक कि पूरे पुल के ठसाठस भर जाने पर भी हादसे के वक्त तक चार पहिया वाहनों को आवागमन नहीं रोका गया था।

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मोदी और अखिलेश ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में हुए हादसे पर दोपहर 3.51 बजे ट्वीट कर शोक जताया। उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी स्थानीय प्रशासन से फोन पर ली। मोदी ने मरने वालों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को पचास-पचास हजार की मदद की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भगदड़ में जयगुरुदेव समर्थकों की मौत की मजिस्ट्रेटी जांच कराने का निर्णय लिया है। जांच वाराणसी के कमिश्नर को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री ने पीडि़तों की मदद के लिए पैकेज का एलान किया। मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मदद दी जाएगी। समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा योजना में पात्र मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये की अतिरिक्त मदद दी जाएगी। पात्र घायल व्यक्ति के इलाज के लिए 2.50 लाख रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना में पात्र व्यक्ति को कृत्रिम अंग लगाने की आवश्यकता होने पर एक-एक लाख रुपये की मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में आयोजकों से लेकर प्रशासन तक जिसकी भी लापरवाही मिलेगी, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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गृह सचिव व एडीजी लॉ एंड आर्डर पहुंचे

घटना की व्यापकता के मद्देनजर देर शाम लखनऊ से गृह सचिव एसके रघुवंशी व एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत चौधरी बनारस पहुंचे। उन्होंने मौका मुआयना करने के साथ ही रामनगर अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। स्थानीय अधिकारियों को घायलों का समुचित इलाज कराने व व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया।



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