अन्नक्षेत्र का नक्शा फिर बदला
वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के बहुप्रतीक्षित अन्न क्षेत्र में अब भूतल नहीं होगा। तकनीकी कारणों
वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के बहुप्रतीक्षित अन्न क्षेत्र में अब भूतल नहीं होगा। तकनीकी कारणों से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने इसमें फेरबदल कर दिया है। संशोधित नक्शे के अनुसार ऊपर एक तल बढ़ाकर इसे पांच मंजिला किया जाएगा। इसके तीन तल में अन्न क्षेत्र व ऊपरी मंजिल अतिथि गृह के रूप में उपयोग होगी। इसके लिए कक्ष की बजाय डोरमेट्री बनाई जाएगी। मंदिर न्यास परिषद ने पिछले साल टेढ़ी नीम में जम्मू कोठी (भवन संख्या डी 14/ 51) की खरीद की थी। इस भूखंड पर अन्नक्षेत्र व अतिथि गृह के भव्य भवन निर्माण के लिए लखनऊ के स्वस्तिका आर्किटेक्ट से साल के आरंभ में ही डिजाइन बनवाई गई। इसमें भंडारण के लिए भूतल का भी प्रावधान कराया गया। इस बीच जब बीएचयू आइआइटी के विशेषज्ञों से राय ली गई तो उन्होंने जलभराव क्षेत्र व आसपास जीर्ण-शीर्ण भवन होने का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में भूतल निरस्त करते हुए डिजाइन में संशोधन कर दिया गया।
माना जा रहा है कि मंदिर से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर भले सतर्कता बरती जा रही हो लेकिन निर्णयों में लगातार फेरबदल से प्रोजेक्ट लेट हो रहा है।
अन्न क्षेत्र व अतिथि गृह निर्माण के लिए धर्मार्थ कार्य विभाग ने 22 मार्च 2017 को ही 13 करोड़ 10 लाख रुपये की वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति दे दी थी। नियमत: स्वीकृति जारी होने के एक पखवारे में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जानी चाहिए लेकिन कार्यदायी संस्था चयन की बैठक ही 17 मई को कराई जा सकी। चयनित एजेंसी आवास विकास परिषद ई-टेंड¨रग की प्रक्रिया में जुटी है। इसमें जुलाई प्रथम सप्ताह तक समय लगने की संभावना है। इसके अलावा इसका शिलान्यास भी प्रधानमंत्री के हाथों कराया जाना है।