शास्त्री घाट पर झूमा मन मयूर
जागरण संवाददाता, वाराणसी : आदि नदी वरुणा के तट पर सोमवार को नृत्य संगीत से श्रद्धालुओं का मन मयूर झू
जागरण संवाददाता, वाराणसी : आदि नदी वरुणा के तट पर सोमवार को नृत्य संगीत से श्रद्धालुओं का मन मयूर झूम उठा। लाल बहादुर शास्त्री घाट पर सूर्यास्त के साथ पांच बटुकों ने धूप-दीप-कपूर से वरुणा महारानी की आरती उतारी। शंख ध्वनि और सस्वर वेद मंत्रों के बीच उन्हें श्रद्धा अर्पित की। इसके बाद वंदना एकेडमी (महमूरगंज) के कलाकारों ने मंच संभाला और 'प्रेम रतन धन पायो ..' गीत पर शानदार नृत्य प्रस्तुति से निहाल कर डाला। वंदना, वर्तिका, सिमरन कौर, माही कपूर, पूर्वी कपूर ने प्रस्तुति दी। वंदना जायसवाल ने 'कान्हा सो जा जरा ..' गीत पर नृत्य के भाव सजाए। अवनी, तनीषा व वान्या साह ने 'मस्तानी हो गई..' गीत पर उपशास्त्रीय नृत्य से मंत्र मुग्ध कर दिया। शेषधर उपाध्याय, सरिता अग्रवाल, चंदन पांडेय, टीएन सिंह, वर्तिका पांडेय, तान्या सिंह, दिवेश पांडेय, शशिकांत सिंह, रवींद्र मिश्र, आकाश सिंह, अजीत यादव, रामचंद्र पटेल, निर्मला सिंह, पार्वती देवी, जयंती रानी, अफजाल, सरफराज, संजय पांडेय आदि थे। संचालन लोकचेतना अध्यक्ष केके उपाध्याय ने किया।