रामनगर में गमकेगा समीर अनजान का गीत गुलदस्ता
वाराणसी : बनारस की खुश्बू दिलों में संजोए गीत लेखन का विश्व रिकार्ड बनाने वाले ख्यात गीतकार समीर अनज
वाराणसी : बनारस की खुश्बू दिलों में संजोए गीत लेखन का विश्व रिकार्ड बनाने वाले ख्यात गीतकार समीर अनजान का गीत गुलदस्ता रविवार की शाम रामनगर में गमकेगा। उनके द्वारा साढ़े तीन दशक में लिखे चार हजार तरानों के साथ ही पिता के साढ़े तीन हजार गीतों में से चुनिंदा गाने तो गूंजेंगे ही वे इनके पीछे की कहानी भी खुद सुनाएंगे। समीर इनके पीछे के रहस्य भी साझा करेंगे जिन्हें सुनकर सिर्फ गीतों की मिठास और खनक पर थिरकने वाले श्रोता दंग रह जाएंगे।
मौका होगा पड़ाव-रामनगर रोड स्थित होटल ग्रेप वाइन में आयोजित 'सफरनामा : समीर अनजान' का। शाम सात बजे से महफिल सजेगी और श्रोताओं का मन मिजाज टटोलते रात तक चलेगी। अब तक गायकों के लाइव शो से रूबरू श्रोताओं के लिए यह अनूठा अनुभव व अलग अहसास भी होगा। गुरुवार को होटल परिसर में पत्रकारों से बातचीत में समीर अनजान ने इस राह पर बढ़ने का राज खोला। कहा पिता-पुत्र के साढ़े सात हजार गीत तो लोगों तक पहुंचे लेकिन इसके खंट्टे-मीठे रोमांचक अनुभवों को प्रशंसकों से साझा करने का लंबे समय से मन था जो सिर्फ और सिर्फ गीतकार को ही पता होता है। डेढ़ साल पहले इस दिशा में कार्य शुरू किया और लखनऊ में पूरी परिकल्पना को आकार दिया। चार घंटे की मंचीय प्रस्तुति में तराने सुनाना व राज बताना गीतों के सागर में से मोती चुनने से कम न था। फिल्मवार 150 गीतों की लिस्ट को एक कांसेप्ट में पिरोने से बात बनी। देश भर में एक दर्जन प्रस्तुतियों के बाद भी बनारस में इसे साझा न कर पाने की कसक आबाद थी जो अनजान को समर्पित सुर गंगा के बाद 600 फिल्मों को गीत देने वाले समीर के अधीर मन की मुराद पूरी करेगी। प्रेसवार्ता में प्रदीप चौरसिया, सिद्धार्थ सिंह, शशि अंशुमान, अमरेश त्रिपाठी, अनूप शर्मा, सितेश साथ थे।
दिल के करीब थे विनोद खन्ना
ख्यात गीतकार पिता पुत्र अनजान व समीर ने विनोद खन्ना की फिल्मों के लिए गीत लिखे। उनकी अंतिम फिल्म गन्स आफ बनारस के गीतों को भी समीर ने ही शब्द दिए। उनके निधन से मर्माहत गीतकार ने बताया विनोद खन्ना दिल के करीब थे। वे कलाकार के साथ बेहतरीन इंसान भी थे। सफरनामा में उन पर फिल्माए गीत भी सामने होंगे।