कथित गरीबों के खिलाफ प्राथमिकी के निर्देश
वाराणसी : अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) तहत निजी स्कूलों में कक्षा एक में सीट के साप
वाराणसी : अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) तहत निजी स्कूलों में कक्षा एक में सीट के सापेक्ष 25 फीसद गरीब बच्चों के मुफ्त दाखिले का प्रावधान है। इन स्कूलों में मुफ्त दाखिला की चाहत में कई अभिभावक गरीब होने का झूठा प्रमाणपत्र दे रहे हैं। तमाम अभिभावकों ने अपनी सालाना आय 50 हजार रुपये से भी कम दिखाया है। जबकि उनके रहन-सहन से उनकी आय कई गुना अधिक होने की संभावना जताई जा रही है। इसे देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग आवेदन के साथ संलग्न प्रमाणपत्रों की जांच कराने का निर्णय लिया है। जांच में असत्य प्रमाण पत्र पाए जाने पर संबंधित अभिभावकों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी।
आरटीई के नियमों की अनदेखी करने वालों को बीएसए जयकरन यादव ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस वर्ष सभी आवेदकों के प्रमाणपत्रों की जांच कराने निर्देश भी दिया है। गलत प्रपत्र पाए जाने पर संबंधित अभिभावक के खिलाफ कार्रवाई का भी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है ताकि वास्तविक गरीब बच्चों को आरटीई का लाभ मिल सके।
3750 ने किया आवेदन
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले के लिए गरीब अभिभावकों से आवेदन मांगे गए हैं। नगर के विद्यालयों में दाखिले के लिए ऑनलाइन व ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में दाखिले के लिए ऑफलाइन फार्म भरे जा रहे हैं। जिला समन्वयक जेपी सिंह ने बताया कि आरटीई के तहत अब तक 3750 आवेदन आए हैं। इसमें नगर में 1750 व ग्रामीण क्षेत्र में करीब दो हजार आवेदन शामिल हैं। आवेदन तीन चरणों में मांगा गया है। पहले चरण में दाखिला 15 मई तक कराने का लक्ष्य रखा गया है। अंतिम चरण में पहली जुलाई तक निजी स्कूलों में दाखिला कराने का निर्णय लिया गया है।
वार्षिक आय एक लाख से कम होने की बाध्यता
एक लाख से कम वार्षिक आय वाले अभिभावकों के बच्चों का ही आरटीई के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले का प्रावधान है। आवेदन के साथ अभिभावकों से आय प्रमाणपत्र भी लगाना अनिवार्य है।