वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद को दो फीसद बढ़ाने पर मंथन
वाराणसी : आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी काशी में मंगलवार से शुरू जी-20 फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप की
वाराणसी : आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी काशी में मंगलवार से शुरू जी-20 फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप की तीसरी बैठक के पहले दिन 32 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को वर्ष 2018 तक दो फीसद तक बढ़ाने की रणनीति पर मंथन किया। वर्ष 2009 में जी-20 के गठन के बाद फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप की चौथी बैठक वाराणसी में हो रही है। इसमें 32 देशों और विश्व बैंक, विश्व श्रमिक संगठन जैसे संगठनों के 70 से ज्यादा प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थायित्व पर रणनीति तय करने के लिए आयोजित इस बैठक की सबसे दुर्लभ विशिष्टता है कि यह दुनिया के सबसे प्राचीन शहर में हो रही है। बैठक में पर्यावरण सुरक्षा को लेकर अमेरिका की नई सरकार के बदलते रुख पर भी व्यापक चर्चा हुई। अमेरिका संरक्षणवाद को लेकर काफी मुखर रहा है, इसकी झलक उसकी तमाम नीतियों में भी नजर आती रही है।
भारत के परिप्रेक्ष्य में जी-20 ग्रुप की अपेक्षा निर्माण क्षेत्र में दो फीसद की बढ़ोतरी को लेकर है, इसके लिए दो करोड़ तक उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करना होगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बढ़ती बेरोजगारी को रोकने में भी असफल साबित हो रही है। यह मुद्दा भी वाराणसी के जी-20 फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप के एजेंडे में शामिल किया गया है। वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक की संयुक्त मेजबानी में आयोजित इस बैठक के दौरान मौजूदा वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर कयासों पर चर्चा के साथ-साथ चुनौतियों से मुकाबले के लिए देशों की वैकल्पिक नीतियों के बारे में भी बुधवार को विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में शामिल होने आए प्रतिनिधि काशी की समृद्ध संस्कृति और खानपान से भी रूबरू होंगे और उसे वैश्विक फलक पर ले जाएंगे।
सबसे अहम: इस बैठक में जिस अहम मुद्दे पर सबसे ज्यादा फोकस, वह है जी-20 के समावेशी विकास के एजेंडे पर रणनीति तैयार करना और देशों के विशिष्ट समावेशी विकास की नीतियों की रूपरेखा तैयार करना।
काशी की नई छवि : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को वैश्विक मानचित्र पर न केवल आधुनिक शहर के रूप में उभरा है, बल्कि धर्म और संस्कृति के एतिहासिक धरोहर को आत्मसात करने के लिए भी प्रेरित किया है। जी-20 जैसे समूहों के आयोजन वाराणसी को निश्चित तौर पर एक नई छवि प्रदान करेंगे।
पहले हो चुकीं तीन बैठकें
-नीमराणा (राजस्थान)
-गोवा
-केरल।