धूमधाम से हुआ भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक
वाराणसी : टाउनहाल में चल रहे रामचरित मानस नवाह्न पारायण व राम कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन शनिवार को
वाराणसी : टाउनहाल में चल रहे रामचरित मानस नवाह्न पारायण व राम कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन शनिवार को भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक विशेष आनंदोत्सव के साथ मनाया गया। राम दरबार की सजीव व अलौकिक झांकी सजाई गई। कथास्थल को फूल-माला व कलशों से सजाया गया। झांकी के दर्शन के लिए पूरा पंडाल श्रद्धालुओं से पटा रहा।
अखिल भारतीय मानस प्रचार समिति की ओर से आयोजित रामकथा ज्ञान यज्ञ में सुबह 24 महिलाओं ने सिर पर गंगाजल भरा कलश रखकर पूरे मंडप की परिक्रमा की। बैंडबाजे की गूंज के बीच श्रद्धालुओं ने राज सिंहासन को कंधे पर उठाकर मंडप की परिक्रमा करते हुए मंच पर स्थापित किया। इसके बाद भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न व हनुमान के स्वरूपों को सिंहासन पर विराजमान कराया गया। सिंहासन पर बैठाने के बाद तिलक लगाकर राज्याभिषेक किया गया। सबसे पहले कौशल्या, कैकेयी व सुमित्रा के रूप में तीन महिलाओं ने सभी स्वरूपों की आरती की। जैसे ही राम का राज्याभिषेक हुआ चारों ओर फूलों, इत्र व गुलाबजल की वर्षा होने लगी। भगवान राम के जयघोष से पूरा पंडाल गूंज उठा। पटाखे छोड़कर खुशी मनाई गई। शहनाई की मंगल गूंज व वैदिक ब्राह्मणों द्वारा स्वस्तिवाचन तथा महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाकर माहौल को सजीव बनाया गया। अंत में सुख-समृद्धि की कामना से पूजित अक्षय सिक्कों का वितरण प्रसाद के रूप में किया गया। सायंकाल राम कथा के तहत पं. यज्ञेश मिश्र, पं. रामचंद्र मिश्र, मदन मोहन मिश्र व प्रेमलता मिश्र ने प्रवचन के जरिये रामकथा के महात्म्य का वर्णन किया। इस मौके पर रवि शंकर सिंह, रामजी पटेल, इंदुशेखर तिवारी, वासुदेव अग्रवाल, परमहंस दुबे, घनश्याम दास, गिरीशचंद्र बबलू, प्यारेलाल, व श्याम सुंदर सिंह आदि मौजूद थे।
रामदरबार की शोभायात्रा आज
टाउनहाल में चल रहे नवाह्न पाठ के अंतिम दिन रविवार को सुबह सामूहिक हवन व दोपहर 12 बजे से भंडारा होगा। कथा स्थल से शाम चार बजे राम दरबार की शोभायात्रा निकाली जाएगी। विभिन्न मार्गो से होते हुए शोभायात्रा मैदागिन स्थित कंपनी गार्डेन जाएगी। वहां राम दरबार की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।