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रामराज्य की बुनियाद त्याग से ही प्रारंभ

वाराणसी : श्रीराम चरित मानस समिति के तत्वावधान में पहड़िया स्थित वासदेव नगर कालोनी में आयोजित मानस सम

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 02:26 AM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 02:26 AM (IST)
रामराज्य की बुनियाद त्याग से ही प्रारंभ
रामराज्य की बुनियाद त्याग से ही प्रारंभ

वाराणसी : श्रीराम चरित मानस समिति के तत्वावधान में पहड़िया स्थित वासदेव नगर कालोनी में आयोजित मानस सम्मेलन के तहत गुरुवार की शाम कथा मर्मज्ञ वशिष्ठ नारायण उपाध्याय ने कहा कि राम राज्य की बुनियाद त्याग से ही प्रारंभ होती है। जब तक समाज में त्याग की भावना नहीं आएगी, तब तक रामराज्य की कल्पना मात्र एक स्वप्न होगा। कहा कि भरत त्याग की मूर्ति रहे। भगवान राम के वन में जाने के बाद भी भरत अयोध्या के सिंहासन पर नहीं बैठे। इस प्रकार अयोध्या का राज सिंहासन 14 वर्ष तक खाली रहा। श्रीमती शैल कुमारी पांडेय ने कहा कि राम कथा सुनने के लिए श्रद्धा, विश्वास व मन की एकाग्रता आवश्यक है। डा. रामजी चौबे ने हनुमानजी की कथा का वर्णन किया। संचालन क्षत्रधारी सिंह एडवोकेट ने किया।


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