वासंती प्रभात में महालक्ष्मी के सुरों की गूंज
वाराणसी : कला प्रकाश द्वारा रविवार को सुबह आयोजित वासंती प्रभात कार्यक्रम में पद्मभूषण पं. विश्व मोह
वाराणसी : कला प्रकाश द्वारा रविवार को सुबह आयोजित वासंती प्रभात कार्यक्रम में पद्मभूषण पं. विश्व मोहन भट्ट की प्रधान शिष्या करकला, कर्नाटक की सुश्री महालक्ष्मी शेनाय का शास्त्रीय गायन हुआ। उन्होंने अपनी प्रस्तुति से सुधि श्रोताओं को रसासिक्त किया।
संकटमोचन मार्ग स्थित कमला कुटीर में आयोजित सांगीतिक अनुष्ठान के दौरान सुश्री महालक्ष्मी ने गायन का आरंभ राग मिया की तोड़ी की प्रस्तुति से किया। विलंबित एक ताल की रचना के बोल थे-अब मोरे राम..। द्रुत तीन ताल के बोल थे- अब मोरी नैया पार करो..। उनके द्वारा राग चारूकेशी में प्रस्तुत भजन को श्रोताओं ने सराहा। इसके बोल थे-तेरो कोई ना रोकन हार..। राग वसंत के तहत द्रुत तीन ताल में होली की प्रस्तुति को लोगों ने काफी पसंद किया। इसके बोल थे- ब्रज देखन को चलो री..। गायन का समापन राग भैरवी में भजन- प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो..की प्रस्तुति से हुआ। कार्यक्रम के आरंभ में प्रख्यात गायक पं. राजन मिश्र ने स्व. महेंद्र शाह का स्मरण किया और उनके साथ के कुछ संस्मरण सुनाए। कलाकार व अतिथियों का स्वागत श्रीमती अदिति शाह व सौरभ महेंद्र शाह ने किया।
इस दौरान पं. राजन-साजन मिश्र, डा. बीएम शुक्ला, श्रीमती अन्नपूर्णा शुक्ला, दीपक मधोक, भारती मधोक, डा. बैजनाथ प्रसाद, अनिल नागर समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। संचालन मनमोहन गुप्ता व धन्यवाद प्रकाश कला प्रकाश के अध्यक्ष अशोक कपूर ने किया।