पार्सल पैकेटों पर खुफिया नजर, की गई जांच पड़ताल
वाराणसी : विधानसभा चुनाव व नोटबंदी के बाद के हालत को देखते हुए खुफिया इकाइयों के निशाने पर रेलवे के
वाराणसी : विधानसभा चुनाव व नोटबंदी के बाद के हालत को देखते हुए खुफिया इकाइयों के निशाने पर रेलवे के पार्सल पैकेट आ गए हैं। सख्ती को देखते हुए इनके जरिए भी नकदी या चुनाव के पोस्टर-बैनर व मतदाताओं में वितरण के लिए उपहार सामग्री भेजे जाने की आशंका जताई जा रही है। इसके मद्देनजर सोमवार को खुफिया विभाग के अफसरों ने रेलवे के पोर्टरों से पूछताछ की। इसे गोपनीय रखते हुए कैंट रेलवे स्टेशन के विभिन्न प्लेटफार्मो पर पार्सलों की लोडिंग-अनलोडिंग करने वाले पोर्टरों से इसे आम न करने की पोर्टरों को ताकीद भी कर दी। हालांकि संख्या अधिक होने और इसे गंभीरता का जामा देने में यह चर्चा में भी आ गया।
अफसरों ने पोर्टरों से पूछताछ के साथ ही पार्सल पैकेटों के मार्का सहित प्रेषक व प्राप्तकर्ता के नाम-पता की फोटोग्राफी भी की। माना जा रहा है संदेह के आधार पर पैकेटों को खोल कर भी छानबीन की जा सकती है। रेलवे बोर्ड प्रशासन व खुफिया इकाई मुख्यालय गणतंत्र दिवस और माघ मेला के मद्देनजर भी पार्सल पैकेटों पर नजर रखने के निर्देश दे चुका है। मुख्य पार्सल सुपरवाइजर कैंट ने बताया कि कोई अधिकारी यदि लिखित मेमो देता है तो पार्सल पैकेट खोलकर भी दिखाए जा सकते हैं। इससे इतर स्थिति में किसी कीमत पर रेलवे पार्सल पैकेट न खोलने का निर्देश है। पार्सल ढुलाई रेलवे का व्यापार है। ऐसे में ग्राहक का विश्वास रेलवे के लिए महत्वपूर्ण है।