Move to Jagran APP

अफसर बदले और बदल गई प्राथमिकताएं

वाराणसी : द्वादश ज्योतिर्लिगों में प्रमुख श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्था भी अफसरशाही की शिकार ह

By Edited By: Published: Fri, 02 Dec 2016 01:49 AM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 01:49 AM (IST)
अफसर बदले और बदल गई प्राथमिकताएं

वाराणसी : द्वादश ज्योतिर्लिगों में प्रमुख श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की व्यवस्था भी अफसरशाही की शिकार हो रही है। अधिकारियों के बदलने के साथ ही प्राथमिकताएं बदल रहीं और योजनाएं भी फाइलों में दब जा रही हैं। पारदर्शिता के लिहाज से सभी 28 स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना भी इसका शिकार हो गई। फिलहाल जो कैमरे लगे भी हैं, उनमें ज्यादातर खराब हैं।

loksabha election banner

बीते मार्च में कार्यपालक समिति की बैठक के फैसले के अनुसार परिसर में कुल 28 स्थानों पर अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे। इसमें गर्भगृह के चारों द्वार, हुंडी स्थल व कार्यालय भी शामिल थे। इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रपति भवन, संसद समेत विभिन्न मंत्रालयों में इसकी जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी को दी गई थी। कंपनी के अधिकारियों ने इसके लिए एक माह के भीतर ही सर्वे व स्थलों का चिह्नांकन भी कर लिया लेकिन नए कैमरे लगना तो दूर पहले से लगे उपकरण भी खराब हो रहे हैं। वहीं इसके उद्देश्यों को दरकिनार करते हुए सीसीटीवी मानिट¨रग भी ठप हो गई।

वास्तव में पिछले साल सीसीटीवी की निगरानी में कई पुजारियों व कर्मचारियों की भी वित्तीय गड़बड़ियों में संलिप्तता पाई गई थी। इसके बाद परिसर की महत्ता का ख्याल रखते हुए संपूर्ण पारदर्शी के लिहाज से सभी स्थलों को कैमरे की नजर में रखने का खाका खींचा गया था। इसके लिए तीन द्वारों समेत चार स्थानों पर एलसीडी स्क्रीन भी लगाई गई थी, ताकि कतार से लेकर हर गतिविधि सभी की नजर में रहे। इसमें से सरस्वती फाटक की टीवी ज्यादातर समय खराब रहती है। ढूंढिराज व छत्ताद्वार क्रासिंग से इसे उतार लिया गया।

दर्जनों फैसलों का अनुपालन लंबित

सपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद श्रद्धालु हित में मंदिर के विकास व विस्तार का खाका खींचा था। इसके तहत तमाम योजनाओं पर कार्य शुरू किया गया। इनके फिलहाल पूरा होने को लेकर संशय तो है ही कार्यपालक समिति की बैठकों में कई बिंदुओं पर लिए गए छोटे-छोटे फैसलों का क्रियान्वयन भी लंबित हैं। जलाभिषेक के लिए परिसर में ही गंगा जल व पात्र की उपलब्धता का निर्णय भी प्रचार-प्रसार के अभाव में धरा रह गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.