Move to Jagran APP

पहले ट्रेनिंग फिर करें कैशलेस की बात

वाराणसी : देश में कंप्यूटर साक्षरता महज 6.15 फीसद है। वहीं सवा अरब की आबादी में मोबाइल फोन यूजर्स 46

By Edited By: Published: Fri, 02 Dec 2016 01:42 AM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 01:42 AM (IST)
पहले ट्रेनिंग फिर करें कैशलेस की बात

वाराणसी : देश में कंप्यूटर साक्षरता महज 6.15 फीसद है। वहीं सवा अरब की आबादी में मोबाइल फोन यूजर्स 46 करोड़ 21 लाख हैं। इसमें स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या सिर्फ 60 मिलियन है। ऐसे में पहले लोगों को ट्रेनिंग देने की जरूरत है। उसके बाद कैशलेस सिस्टम को लागू करने का प्रयास होना चाहिए।

loksabha election banner

कंप्यूटर साक्षरता दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को अग्रसेन कन्या पीजी कालेज में आयोजित 'डिजिटल नोट, काले धन पर चोट!' विषयक परिचर्चा का यह निष्कर्ष रहा। कंप्यूटर सेंटर के तत्वावधान में आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं ने एक ओर जहां कालेधन पर चोट करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए नोट बंदी के कदम को उचित बताया वहीं दूसरी ओर इसे बिना तैयारी के सरकार द्वारा उठाया गया निर्णय भी करार दिया। कहा कि अब सरकार के सामने एक प्रमुख चुनौती जनता को डिजिटल नोट के बारे में प्रशिक्षित करना है। आज भी भारतीय जनमानस का एक बड़ा वर्ग एटीएम से पैसा निकालने से हिचकता है तो उसे मोबाइल वालेट्स से पैसे केलेनदेन के लिए तैयार करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में कैशलेस के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है। सरकार को इस दिशा में ठोस पहल करनी होगी तभी प्रधानमंत्री का कैशलेस सोसायटी व डिजिटल नोट का सपना साकार हो सकेगा।

सहयोग बनाए रखने की जरूरत

मुख्य अतिथि आई नेक्स्ट के वरिष्ठ समाचार संपादक विश्वनाथ गोकर्ण ने कहा कि नोट बंदी से आतंकवाद, नक्सलवाद सहित अन्य असामाजिक गतिविधियों पर त्वरित रोक लगी है। जनता को तात्कालिक असुविधा अवश्य हो रही है। परंतु आगे चलकर इसका लाभ भी दिखाई देगा। ऐसे में सहयोगात्मक रूख बनाए रखने की जरूरत है।

कदम उचित, तैयारी अधूरी

वाणिज्य विभाग, महात्मा गाधी काशी विद्यापीठ के अध्यक्ष प्रो. सुधीर शुक्ला ने कहा कि नोटबंदी का यह कदम उचित है परन्तु सरकार की तैयारी अधूरी थी।

कालाधन रखने वालों की उड़ी नींद

संस्था के प्रबंधक संदीप अग्रवाल ने कहा कि नोट बंदी से काला धन रखने वाले की रात की नींद उड़ गई। यह नोटबंदी की सफलता को स्वयं प्रमाणित करता है। जब भी कोई बदलाव होता है तो छोटी-छोटी परेशानियां का सामना करना ही पड़ता है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इस मौके आइसीआइसीआइ बैंक के अनुराग बैजल सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किया। स्वागत प्राचार्या डा. कुमकुम मालवीय, संचालन कंप्यूटर केंद्र के निदेशक पवन कुमार सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डा. शुभ्रा सक्सेना ने किया। परिचर्चा के बड़ी संख्या में छात्राओं ने प्रतिभाग किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.