परिजनों का इंतजार करती रहीं बूढ़ी आंखें
वाराणसी : लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शनिवार को जब हाजियों का काफिला पहुंचा तो प
वाराणसी : लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शनिवार को जब हाजियों का काफिला पहुंचा तो पलकों में इंतजार समेटे परिजनों की खुशी का ठिकाना न रहा। लोगों ने फूल मालाओं से लाद कर हाजियों का इस्तकबाल किया। वहीं कुछ लाचार आंखें परिजनों के दीदार को तरसती रहीं।
जी हां बात हो रही है गोरखपुर के गजहड़ा गांव निवासी 76 वर्षीय हाजी शमशुद्दीन व उनकी पत्नी हसीबुन्निशा की। चार बेटे व तीन बेटियों का इनका भरा पूरा परिवार है, लेकिन शनिवार को कोई भी एयरपोर्ट पर नहीं पहुंचा। शमशुद्दीन के अनुसार एक बेटे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, जबकि बाकी पुत्र मुंबई व दिल्ली में रहकर परिवार के गुजर-बशर के लिए काम करते हैं। तीनों बेटियों की शादी कर चुके हैं। सबसे बड़ी बेटी फातमा पति के साथ मुंबई में रहती है। वहीं छोटी बेटी आसमा व हाजरा की शादी आजमगढ़ में हुई, वे अपने ससुराल में हैं। शमशुद्दीन ने बताया कि तीनों दामादों व बेटों ने मिलकर ही उन दोनों को हज के मुकद्दस सफर पर भेजा था। परिजनों के नहीं आने पर एयरपोर्ट कर्मियों ने उन्हें पोर्टिको में बैठा दिया। सीआईएसएफ की नजर जब उन पर पड़ी तो जवानों ने सुरक्षा प्रभारी से बात कर उन्हें एयरपोर्ट के मुख्य टर्मिनल भवन में बैठाया। हाजी शमशुद्दीन के अनुसार एयरपोर्ट पर उनकी सुध लेने के लिए न तो हज कमेटी का कोई सदस्य आया न ही अधिकारी। उन्होंने बताया कि सबसे छोटे दामाद रविवार की सुबह उन्हें लेने के लिए आएंगे।