डेंगू-मलेरिया के मच्छर से सतर्क अस्पताल
वाराणसी : बरसात के मौसम में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर जलजमाव, कूलर और खुला पान
वाराणसी : बरसात के मौसम में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर जलजमाव, कूलर और खुला पानी रखने पर मच्छरों के पनपने का अनुकूल स्थान मिलता है। ऐसे मौसम में मच्छर व बालू मक्खी के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफलाइटिस (मस्तिष्क ज्वर), कालाजार आदि के रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में मरीजों के बेहतर उपचार के लिए मंडलीय व दीनदयाल अस्पताल में आवश्यक दवाओं, जांच किट व मच्छरदानी को सभी वार्डो में उपलब्ध करा दिया गया है।
मंडलीय अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. सीपी कश्यप ने बताया कि अस्पताल में जांच किट व दवा पहले से है। सफाई कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि अस्पताल में कहीं भी पानी जमा न होने पाए। साथ ही नगर निगम को अस्पताल में फागिंग कराने को पत्र लिखा गया है। वहीं दीनदयाल अस्पताल परिसर में कई जगह जलजमाव होने से मच्छरों के पनपने का खतरा बना हुआ है।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एसके उपाध्याय ने बताया कि मच्छरों से बचाव के लिए ऐसे वार्ड जहां खिड़कियों पर जाली नहीं है, उसमें जाली लगवाई जा रही है। अस्पताल में डेंगू, मलेरिया आदि की जांच किट व दवा मंगा ली गई है।
जुलाई तक मलेरिया के मिले 247 केस
जिला मलेरिया अधिकारी डा. एमए खान ने बताया कि जुलाई 2016 तक मलेरिया के 23163 स्लाइड बनाए गए जिसमें मलेरिया की प्रजाति प्लाज्मोडियम वाइवैक्स के 247 केस मिले, जबकि दूसरी प्रजाति प्लाज्मोडियम पेल्सीफेरम के एक भी केस नहीं मिले। वहीं फाइलेरिया के जुलाई 2016 तक 12 केस पाए गए। कालाजार, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफलाइटिस के अब तक एक भी मामले नहीं आए। वर्ष 2015 में डेंगू के 172 मरीज जिले भर में पाए गए। वहीं, इस वर्ष जुलाई तक एक भी मरीज नहीं मिले हैं।