पादुका पूजन के साथ कल्पतरु दर्शन शुरू
वाराणसी : स्वामी नित्यानंद आध्यात्म पीठ की ओर से 21 दिवसीय कल्पतरु दर्शन और सत्संग शिविर रविवार से छ
वाराणसी : स्वामी नित्यानंद आध्यात्म पीठ की ओर से 21 दिवसीय कल्पतरु दर्शन और सत्संग शिविर रविवार से छावनी स्थित पांच सितारा होटल में शुरू हुआ। पहले दिन स्थानीय व देश-विदेश के दो सौ भक्तों ने प्रतिभाग किया।
होटल के सभागार में सुबह सात से आठ बजे तक स्वामी नित्यानंद के शिष्यों व उनके अनुयायियों द्वारा गुरु की पादुका का पूजन किया गया। इसके उपरांत पूर्व की वीडियो रिकार्डिग के जरिए शिविर में शामिल लोगों को गुरुजी द्वारा सत्संग कराया गया। सत्संग के जरिए मानव को अज्ञानता के प्रति सजग होने व आध्यात्म के प्रति लोगों को जागरूक होने का संदेश दिया गया। सत्संग का यह सत्र नौ बजे समाप्त हुआ। इसके पश्चात लोगों ने होटल में ही बने भव्य पंडाल में अन्नदान के तहत प्रसाद ग्रहण किया।
दूसरा सत्र देश-विदेश के भक्तों के लिए दोपहर में शुरू हुआ जो रात तक चलता रहा। इस दौरान सभागार में स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान स्वामी नित्यानंद ने सभी शिविरार्थियों से परिचय प्राप्त किया। लोगों को ध्यान व योग के बारे में जानकारी दी तथा सत्संग कराया। साथ ही आध्यात्म के प्रति लोगों को जागरूक किया। स्वामी जी ने सत्संग के दौरान काशी की महत्ता का बखूबी वर्णन किया। साथ ही आध्यात्म व सत्संग के जरिये मन को शांत करने को प्रेरित किया। शिविर में कई चिकित्सकों व इंजीनियरों के अलावा नौकरीपेशा लोगों ने हिस्सा लिया। आरंभ में शिविरार्थियों का स्वागत व्यवस्थापक पूजानंद ने किया। अनिरुद्धानंद ने सहयोग किया।
मंदिर होगा आकर्षण का केंद्र
स्वामी नित्यानंद आध्यात्म पीठ की ओर से छावनी स्थित पांच सितारा होटल में चल रहे कल्पतरु दर्शन शिविर में दक्षिण भारतीय शैली में बनाया जा रहा अस्थायी मंदिर आकर्षण का केंद्र होगा। मंदिर में पंच धातु से निर्मित भगवान शंकर व माता पार्वती के अलावा राधा-कृष्ण, कार्तिकेय, गणेश व मां दुर्गा की प्रतिमाओं का दर्शन होगा।
क्या है कल्पतरु दर्शन
कल्पतरु दर्शन आंतरिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए जागृत की जाने वाली आध्यात्मिक ऊर्जा का नाम है। मनोवांछित फल प्राप्त करने के लिए गुरु जो आध्यात्मिक ऊर्जा देता है वही कल्पतरु दर्शन है।