बकाया टैक्स जमा न करने पर डीरेका का पंजीयन निलंबित
वाराणसी : वाणिज्य कर विभाग ने 70 करोड़ बकाया इंट्री टैक्स जमा न करने पर डीजल रेल इंजन कारखाना (डीर
वाराणसी : वाणिज्य कर विभाग ने 70 करोड़ बकाया इंट्री टैक्स जमा न करने पर डीजल रेल इंजन कारखाना (डीरेका) का पंजीयन निलंबित कर दिया है। 17 मई तक टैक्स जमा नहीं किया गया या फिर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो विभाग पंजीयन रद कर देगा। समय पर कर अदायगी न करने पर ई-संचरण फार्म डाउनलोड पर पहले से ही रोक लगी है।
वाणिज्य कर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने बताया कि डीरेका पर प्रवेश कर के बाबत 70 करोड़ से अधिक का टैक्स बकाया है। टैक्स जमा न करने पर ई-संचरण पर रोक लगा दी गई थी। डीरेका अधिकारियों ने इस मद में 18 अप्रैल को 55 लाख रुपये जमा किए तो ई-संचरण से रोक हटा ली गई। बाकी धनराशि जमा करने के लिए 25 अप्रैल तक का समय मांगा गया था। तय तिथि तक टैक्स जमा न करने पर ई-संचरण पर पुन: रोक लगा दी गई।
बावजूद तीन मई तक टैक्स जमा करने के बाबत कोई संपर्क नहीं किया गया तो चार मई को उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम 2008 की धारा 17 व उपधारा (11) के अंतर्गत नोटिस जारी की गई। बताया कि प्रवेश कर न अदा करने और कोई उचित कारण न बताने पर ई-संचरण पंजीकरण व टिन नंबर निलंबित किया जाता है। 17 मई तक इसका जवाब मांगा गया है।
इनसेट..
नहीं मंगा सकेंगे कल-पुर्जे
ज्वाइंट कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने बताया कि ई-संचरण फार्म डाउनलोड पर रोक से इंजन निर्माण के लिए जरूरी कलपुर्जे नहीं मंगा सकते हैं, जबकि इंजन के लिए कल-पुर्जे देश के कई हिस्सों मंगाए जाते हैं। फार्म 38 के बगैर इसे मंगाया नहीं जा सकता है। इतना ही नहीं पंजीयन निलंबन के बाद फार्म 'सी' भी डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। इस दौरान यदि कोई बिक्री की जाती है तो उस पर पांच फीसद टैक्स देना होगा, जबकि फार्म सी द्वारा बिक्री पर सिर्फ दो फीसद टैक्स लगता है। तय तिथि 17 मई को यदि डीरेका टैक्स जमा करता है तो उसे पुन: पंजीयन के लिए आवेदन करना होगा।
उधर डीरेका के पीआरओ का दावा है कि उनके पास अभी जरूरी कल-पुर्जे उपलब्ध हैं। उनके उत्पादन में कोई परेशानी नहीं होगी। रही बात टैक्स अदायगी की तो इस मद में 55 लाख जमा कर दिया गया है। बाकी राशि भी आकलन के बाद जमा की जाएगी।
ज्वाइंट कमिश्नर के अनुसार डीरेका ने वर्ष 2006-07 से फार्म 38 से आयातित माल पर प्रवेश कर जमा नहीं किया है। वर्ष 2008-09 में 10 लाख से अधिक मूल्य के मशीनरी, मशीनरी पार्ट्स, सीमेंट व पेपर मंगाए गए थे, लेकिन वाणिज्य कर विभाग में टैक्स जमा नहीं किया गया। तीस सितंबर 2008 को केबल, एल्युमीनियम प्रोडक्ट्स, कंप्यूटर, लैपटाप, टीवी, एलसीडी, आयरन एंड स्टील आदि मंगाए गए। प्रवेश कर के मद में विभाग में कोई धनराशि नहीं जमा की गई, न ही मंगाए गए प्रवेश कर योग्य माल का कोई निर्धारित विवरण ही दाखिल किया गया।
वर्ष 2007-08 से 2011-12 तक के आकलन में आकड़ा 70 करोड़ के पार पहुंच गया है। बाकी चार सालों के आकलन के बाद वाणिज्य कर विभाग को अनुमान है कि यह आकड़ा एक अरब के ऊपर पहुंच जाएगा।