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वल्लाभाचर्य महाप्रभु को समर्पित की स्वरांजलि

वाराणसी : जगद्गुरु वल्लभाचार्य महाप्रभु के 539 वें प्राकट्य महोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को चौखंभा

By Edited By: Published: Wed, 04 May 2016 08:57 PM (IST)Updated: Wed, 04 May 2016 08:57 PM (IST)
वल्लाभाचर्य महाप्रभु को 
समर्पित की स्वरांजलि

वाराणसी : जगद्गुरु वल्लभाचार्य महाप्रभु के 539 वें प्राकट्य महोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को चौखंभा स्थित गोपाल मंदिर में संगीत संध्या का आयोजन किया गया। इसमें कलाकारों ने महाप्रभु के चरणों में स्वरांजलि अर्पित की। विष्णु मिश्रा ने राग जोगकौंस विलंबित एक ताल में 'सुघर वर पायो..' से भक्ति रस बरसाया। छोटा ख्याल मूरत मन में बसे सावरो तिहारो.., राग श्री द्रुत लय में 'चरावत धेनु वन में..' और ठुमरी 'मिला दे सखि श्याम सुंदर मोहे आज..' की प्रस्तुति की। तबले पर सागर गुजराती व हारमोनियम पर जमुना वल्लभ गुजराती भय्यनजी ने संगत किया। युवा कलाकार विशाल कृष्ण ने कथक में बनारस घराने की बारीकियां प्रस्तुत कीं। दर्शकों का मन मोह लिया और तालियां बटोरीं। इस दौरान पीठाधीश्वर गोस्वामी श्याम मनोहर महाराज व गोस्वामी प्रियेन्दु बावा ने कथक का विश्व रिकार्डधारी सोनी चौरसिया को सम्मानित किया। राधेकृष्ण अग्रवाल, हरिदास पारिख, अरूण पारिख, रमण भाई, अतुल शाह, राजेश अग्रवाल समेत मुकुंद गोपाल सेवा संस्थान के पदाधिकारियों ने संयोजन किया।


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