विभागीय गुटबाजी से हुआ था जेल में बवाल
वाराणसी : चौकाघाट स्थित जिला जेल में पिछले माह हुए बवाल में जेलकर्मियों की संलिप्तता थी। कुछ जेलकर्म
वाराणसी : चौकाघाट स्थित जिला जेल में पिछले माह हुए बवाल में जेलकर्मियों की संलिप्तता थी। कुछ जेलकर्मी अधीक्षक आशीष तिवारी को हटाने की साजिश में शामिल थे जिसकी खातिर उन्होंने उपद्रवियों का साथ दिया था। सूत्रों के मुताबिक मामले की विभागीय जाच में कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। जाच अधिकारी डीआइजी जेल संतोष श्रीवास्तव ने स्वीकार किया कि रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और दो दिन में यह शासन को प्रेषित कर दी जाएगी। विभागीय जाच से जेल के कई अधिकारी अधिकारी और बंदीरक्षक खासे परेशान हैं और इससे उनकी परेशानी बढ़ने वाली है।
जिला जेल में दो अपै्रल को परेड के समय बंदियों ने योजनाबद्ध तरीके से अधीक्षक और डिप्टी जेलर पर हमला कर उन्हें बंधक बना लिया था। एक साथ सभी बैरकों में उपद्रव शुरू हो गया और सात घटे की मशक्कत के बाद पुलिस-प्रशासन के आला अफसर स्थिति पर नियंत्रण पा सके। अगले दिन फिर बवाल की कोशिश की गई। शासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीआइजी जेल को मामले की जाच सौंपी। इसकी खातिर एक पखवारे की मोहलत दी गई थी लेकिन इलेक्ट्रानिक्स समेत दूसरे साक्ष्य संकलित करने में समय अधिक लगा। जाच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य हैं जिसमें कुछ जेलकर्मियों की कुख्यात अपराधियों से साठ-गाठ शामिल है। इसके संकेत मिलने के साथ बड़ी संख्या में तबादले किए गए थे लेकिन रिपोर्ट तैयार होने पर मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। फिलहाल जाच अधिकारी ने रिपोर्ट की बाबत टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। अलबत्ता यह स्वीकार किया है कि अधीक्षक निशाने पर थे जिन्हें किसी तरह हटाने की खातिर यह साजिश रची गई थी।
अधीक्षक और जेलर की संबद्धता बढ़ाई
जेल में बवाल के बाद अधीक्षक समेत कई अधिकारियों को हटा दिया गया था। इसके साथ प्रदेश की दूसरी जेलों से अधीक्षक, जेलर और डिप्टी जेलर को संबद्ध किया गया। एक माह तक कैंप कर डीआइजी तो इलाहाबाद लौट चुके हैं और दूसरे संबद्ध अधिकारियों की समय सीमा बढ़ा दी गई है। पहले सभी को एक माह के लिए भेजा गया था। अलबत्ता निवर्तमान अधीक्षक और डिप्टी जेलर अभी भी मुख्यालय से संबद्ध हैं।