योजनाओं से दे रहे गरीबी से लड़ने की ताकत
प्रमोद यादव, वाराणसी : पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को नाविकों के सशक्तीकरण के लिए ई- बोट की सौगात दी
प्रमोद यादव, वाराणसी : पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को नाविकों के सशक्तीकरण के लिए ई- बोट की सौगात दी तो सामाजिक रूप से सबल बनने का भी मूलमंत्र दिया। इसके लिए केवट, निषाद, मल्लाह समेत इस पेशे से जुड़े समाज की महत्ता का भान कराया, उनका उत्साह बढ़ाया और पिछली सरकारों को भी निशाने पर लिया। अस्सी घाट पर आयोजित समारोह में उन्होंने जी नेविगेशन सेटेलाइट जैसी बड़ी कामयाबी का हवाला देते हुए इसका नाम 'नाविक' रखने के पीछे की सोच का खुलासा किया। कहा कि जब भी जीपीएस का जिक्र होगा नाविक भाई याद किए जाएंगे। उन्होंने बड़ी बेबाकी से कहा इस बड़ी सफलता के बाद एक राजनीतिज्ञ के तौर पर मन में आया कि इसका नाम पं. दीनदयाल उपाध्याय या श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर रखा जाए जैसा कि पुरानी सरकार में अधिकतर योजनाएं एक ही परिवार के नाम पर हैं लेकिन यह मोदी कुछ अलग मिंट्टी का बना है। वह नाविक ही हैं जो बिना जमीन नजर आए समंदर में निकल पड़ते हैं और अपनी मंजिल को तलाश लेते हैं, मैं भी कुछ ऐसा ही प्रयास कर रहा हूं। पीएम ने कहा यह राजनीति का दुर्भाग्य ही था कि पहले सिर्फ वोट बैंक बढ़ाने को योजनाएं चलाई जाती थीं। इसमें गरीब, समाज या ¨हदुस्तान को मजबूत करने की चिंता या उससे सरोकार की बजाय सिर्फ कारोबार किया जा रहा था। निषादों का वोट चाहिए तो डीजल का रेट एक दो रुपये कम कर दो। समस्या का समाधान करना तो दूर इसकी जड़ में जाना तक किसी को मंजूर नहीं था। वास्तव में इस तरीके से लोग चुनाव लड़ते-जीतते जाएंगे लेकिन गरीब और भी गरीब होता जाएगा। इससे इतर गरीबों की सरकार योजनाओं के माध्यम से गरीबों को ताकत देती है ताकि वह खुद गरीबी के खिलाफ लड़े, उसे परास्त करे और विजयी होकर आगे बढ़े। हम इसी दिशा में कार्य कर रहे हैं, ई-बोट इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इससे नाविकों के रोज ईधन पर खर्च होने वाले 500 रुपये बचेंगे, आर्थिक स्थिति सुधरेगी। इससे उनके बच्चे अच्छा खाना पाएंगे, स्कूल जाएंगे, स्वस्थ रहेंगे और गंगा भी प्रदूषण मुक्त होंगी।
गरीबों की अमीरी देख मिला संतोष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने अमीरों के लिए बहुत योजनाएं बनाई लेकिन गरीबों की सरकार ने उनके लिए जनधन योजना लागू की। इसके तहत ऐसे 40 परसेंट गरीबों को बैंक का न सिर्फ रास्ता दिखाया बल्कि जीरो बैलेंस पर खाता भी खुलवाया। इसमें गरीबों की अमीरी देखी, जीरो बैलेंस पर खोले गए खाते में 35 हजार करोड़ रुपए जमा हुए क्योंकि उनका दिल बड़ा था। उन्होंने पीएम मुद्रा योजना को भी याद किया। कहा इसमें 60 फीसद दलितों, आदिवासियों, ओबीसी, उसमें भी 22 फीसद महिलाओं ने रोजगार या विस्तार के लिए बिना गारंटी ऋण लिया, समय से ब्याज भी दिया। जिस देश के गरीब इतनी ऊंची भावना रखते हों उनके लिए काम करने में संतोष मिलता है। उन्होंने लगातार बैंक जाने और काशी में इसका रिकार्ड बनाने का आह्वान किया।
दूर होती है थकान, पाते हैं नई ऊर्जा
पीएम नरेंद्र मोदी ने भाषण की शुरुआत और जनता का अभिनंदन हर हर महादेव उद्घोष से किया। काशी, काशीवासियों, मां गंगा व बाबा विश्वनाथ का आभार जताया। कहा आपके आशीर्वाद ने देश की सबसे बड़ी पंचायत तक पहुंचाया। आपका प्यार प्रेरणा और ऊर्जा देता है। जब भी बनारस आता हूं थकान दूर होती है, नई कठिनाइयों से लड़ने की ऊर्जा भी मिल जाती है।
सबलता-स्वच्छता को हुए आश्वस्त
गंगा व गंगापुत्रों का भविष्य संवार की चिंता ही रही जो मोदी ने आश्वस्त होने के लिए नाविकों से बचत के रुपयों के उपयोग की बाबत पूछा। इसे बच्चों पर खर्च करने का संकल्प दिलाया। ई-बोट व ई रिक्शा से आने वाले दिनों में काशी में बदलाव का भरोसा जताया। काशीवासियों से इसके लिए मदद मांगी। हर हर महादेव उद्घोष गूंजने पर आश्वस्त भी हुए।
मंच पर खास चेहरे
यूके के उच्चायुक्त डोमिनिक, प्रदेश के खादी-ग्रामोद्योग मंत्री ब्रह्माशकर त्रिपाठी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, विधायक डा. ज्योत्सना श्रीवास्तव व रवींद्र जायसवाल, एमएलसी लक्ष्मण आचार्य मंच पर थे। स्वागत बीएमसी के विजय पांडेय व सुधांशु मेहता और संचालन प्रतिमा सिन्हा ने किया।