सपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने का आह्वान
वाराणसी : सूबे की समाजवादी पार्टी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ गुरुवार को भारती
वाराणसी : सूबे की समाजवादी पार्टी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के सप्ताहव्यापी आंदोलन का आगाज हुआ। नेतृत्व कर रहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ.लक्ष्मीकात वाजपेयी ने बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराध को लेकर प्रदेश सरकार पर जोरदार हमला बोला।
सूबे में जंगलराज
जिला मुख्यालय पर आयोजित धरना में भाग लेने पहुंचे डॉ.वाजपेयी ने मीडिया से कहा कि सपा के शासन में जंगलराज चल रहा है। कोई भी सुरक्षित नहीं है। यह ऐलान भी किया कि हम सपा सरकार के नाक में तब तक दम करते रहेंगे जब तक यह सत्ता छोड़कर भाग नहीं जाती। एक सवाल पर भाजपा अध्यक्ष ने असहिष्णुता केमुद्दे पर आमिर खान के बयान की आलोचना की।
संसद की कार्रवाई छोड़कर पहुंचे
इसकेपूर्व आदोलन में शिरकत करने सांसद डा.महेंद्र नाथ पांडेय संसद की कार्रवाई छोड़कर धरना स्थल पर पहुँचे। कार्यकर्ताओं के बीच हुकार भरते हुए कहा कि अब चाहे कितनी भी बड़ी कीमत चुकानी पड़े लेकिन इस सरकार को उखाड़ फेंककर ही दम लेंगे। यह सरकार तुष्टीकरण पर आमादा है। सपा सरकार ने नोएडा कांड में जहा एखलाक के परिवार को 50 लाख मुआवजा, नौकरी व उसके भाइयों को फ्लैट दिया, वहीं मनोज मिश्र जैसे पुलिस अधिकारी का परिवार भूखे मरने के कगार पर है।
बदलाव के लिए आंदोलन
अध्यक्षता कर रहे भाजपा काशी क्षेत्र अध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि कार्यकर्ताओं का संघर्ष रंग लाएगा। विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में चल रहा यह आंदोलन बदलाव की बयार लाने में सफल होगा। प्रदेश प्रवक्ता अशोक पांडेय ने कहा कि काशी में साधु- संतों का उत्पीड़न सपा सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। संचालन डॉ.राकेश त्रिवेदी व शकर गिरी ने किया। धरना व सभा को विधायक रवीन्द्र जायसवाल, केदार नाथ सिंह, सुशील सिंह, शारदा चौहान, बृजेंद्र राय, सुजीत टीका व रामतेज पाडेय आदि ने भी संबोधित किया।
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चार बज गए, नहीं दिया भाषण
वाराणसी : काशी में आंदोलन की अगुवाई करने पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने धरना स्थल पर भाषण नहीं दिया। जिला मुख्यालय पर धरना पूर्वाह्न 11 बजे से चल रहा था। मंच पर माइक संभालने के लिए वक्ताओं की लाइन लगी थी। सायंकाल 4.10 पर जब वाजपेयी को माइक संभालने के लिए आमंत्रित किया गया, तभी एक कार्यकर्ता ने उनका ध्यान सभा के लिए जिला प्रशासन की ओर से सायं चार बजे तक मिली अनुमति की ओर दिलाया। इसके बाद वाजपेयी ने यह कहकर भाषण देने से इनकार कर दिया कि कानून का पालन सर्वोपरि है।