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आरती की लपलपाती लौ से दिलों में दपदपाए प्रेम दीप

वाराणसी : देवाधिदेव महादेव की नगरी में देवदीपावली की ज्योति आभा में इस बार सर्वधर्म सद्भाव कामना

By Edited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 01:56 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 01:56 AM (IST)
आरती की लपलपाती लौ से  दिलों में दपदपाए प्रेम दीप

वाराणसी : देवाधिदेव महादेव की नगरी में देवदीपावली की ज्योति आभा में इस बार सर्वधर्म सद्भाव कामना का रंग भी घुल आया। काशीवासियों ने अस्सी घाट पर सर्वधर्म दीप महोत्सव मनाया। श्रद्धालुओं से अंड़से गंगा के पाट पर जाह्नवी की विराट आरती से विह्वल मन से हर हर महादेव का उद्घोष निरंतर गूंजता रहा तो गीत-भजनों ने भाव गंगा बहाई। मौका था ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम की ओर से बुधवार को आयोजित सर्वधर्म सद्भाव दीप महोत्सव का। इस दिव्य दृश्यावली के बीच आश्रम के परमाध्यक्ष व गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानंद सरस्वती 'मुनि जी' ने गंगा की प्रदूषित न करने, ऐसा दूसरों को भी न करने देने का संकल्प दिलाया।

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उन्होंने कहा कि काशी की गंगा आरती विश्वविख्यात हो चुकी है। इसकी गणना अतुल्य भारत में होती है। इसका श्रीगणेश 1999 में प्रभु प्रेरणा देकर दशाश्वमेध घाट पर कराया गया था। इस बार देवदीपावली पर अस्सी से सद्भाव, सद्भाव महाआरती का आरंभ किया गया। अगले साल काशी के समस्त घाटों पर सद्भाव, समरसता व देश की सहिष्णुता की महाआरती होगी। उन्होंने कहा कि काशी और परमार्थ गंगा तट की गंगा आरती की ख्याति से अन्य नदियों के तट पर भी इस अनुष्ठान का प्रसार हो रहा है। वास्तव में यह आरतियां अदृश्य रुप में पर्यावरण संरक्षण व गंगा निर्मलता में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। इस दौरान सर्व धर्म प्रतिनिधियों ने काशी के 84 घाटों के नाम से उनके समरसता और सद्भाव का पाट बनने की कामना से आकाशदीप उड़ाए।

वरिष्ठ सपा नेता व प्रदेश के कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि दीप समभाव व सद्भाव का ही संदेश देते हैं। ऐसे में सभी मिलकर एकता का दीप जलाएं ताकि विश्व में इसका संदेश जाए। उन्होंने घाटों को सुंदर और सद्भाव संदेशवाहक रूप में विकसित करने का प्रोजेक्ट बनाने का संकल्प जताया। सर्वधर्म प्रतिनिधियों में अजमेर शरीफ से दीवान सैयद जैनुल अबेदीन अली खान, जैन धर्म से आचार्य लोकेश मुनि, सिख धर्म से परजीत सिंह चंद्रोक, इस्कान टेम्पल दिल्ली से महामंत्र दास, बहाई धर्म के डा. एके मर्चेट, डा. मेहर मास्टर मूस, बौद्ध धर्म से सुमेध थेरो, आरएसएस की विदेश इकाई के प्रतिनिधि रविकुमार शामिल थे। पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह, राज्य मंत्री सुरेंद्र पटेल, प्रमुख सचिव सिंचाई दीपक सिंघल आदि भी शामिल थे। संयोजन में इंडियन कौंसिल आफ रिलीजियस लीडर सहभागी रहा। आध्यात्मिक व सांस्कृतिक संस्था सुबह-ए-बनारस व जय मां गंगा सेवा समिति ने संयोजन में सहयोग किया। संचालन परमार्थ निकेतन आश्रम के कार्यक्रम क्रियान्वयन निदेशक राम महेश मिश्र ने किया।

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