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टावर के सहायक टेक्नीशियन की गोली मारकर हत्या

वाराणसी : स्थानीय थाना क्षेत्र के सेहमलपुर गाव स्थित टावर में बैटरी आदि चुराने की नीयत से पहुंचे

By Edited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 01:44 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 01:44 AM (IST)
टावर के सहायक टेक्नीशियन की गोली मारकर हत्या

वाराणसी : स्थानीय थाना क्षेत्र के सेहमलपुर गाव स्थित टावर में बैटरी आदि चुराने की नीयत से पहुंचे बदमाशों ने विरोध करने पर सहायक टेक्नीशियन अरविन्द यादव उर्फ काजू (24वर्ष) की गोली मारकर हत्या कर दी। मंगलवार की रात हुई इस वारदात के दौरान बदमाशों ने गार्ड को बंधक बनाने के साथ टेक्नीशियन के साथ आए अभिषेक (22वर्ष) को पिस्तौल की मुठिया व ईट से घायल भी कर दिया। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक डा. एसपी सिंह, एसपी क्राइम त्रिभुवन सिंह, सीओ व बड़ागाव एसओ सहित फील्ड इकाई ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। वारदात के बाद बदमाश टेक्नीशियन की बाइक से बाबतपुर स्थित एक होटल तक गए और उसे वहीं खड़ी कर भाग निकले।

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सेहमलपुर में एक निजी कंपनी का मोबाइल टावर लगा है। देर रात करीब एक बजे टावर की चहारदीवारी फादकर चार बदमाश अंदर घुसे और बरामदे में सो रहे सलेमपुर, गाजीपुर निवासी गार्ड दुर्गा प्रसाद (40वर्ष) को मारपीट कर बाध दिया। उसके बाद बदमाशों ने गार्ड से चाबी छीनकर कमरे से दर्जनों बैटरी, दो एलसीओ, बैक केबिल आदि खोल लिए। इससे सिगनल प्रभावित हुआ तो लखनऊ स्थित कंपनी के कार्यालय से दुर्गाकुंड निवासी टेक्नीशियन विजय को फोन से सूचना दी गई। विजय ने काजीसराय में कमरा लेकर रहने वाले अपने छोटे भाई व सहायक टेक्नीशियन अरविंद को टावर पर भेजा। अरविंद अपने साथी अभिषेक के साथ पहुंचा तो वहां बैटरी आदि गेट पर रखा देखकर दोनों चहारदीवार से सटकर लेट कर शोर मचाने। शोरगुल सुनकर बदमाश बाहर निकले और अभिषेक को पिस्तौल की मुठिया से वार कर घायल कर दिया। इसी बीच अरविंद ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो बदमाशों ने उसके पेट में गोली मार दी और बिना कोई सामान लिए वहां से भाग निकले। वारदात के बाद अभिषेक ने ही पुलिस को इसकी सूचना दी। बदमाश गार्ड व अरविंद का मोबाइल फोन भी ले गए। गार्ड दुर्गा प्रसाद और टेक्नीशियन की तहरीर पर चार अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया। अरविंद देवगांव (आजमगढ़) के चेवार गांव का निवासी था।

पूर्व में भी हो चुकी है चोरी

इस टावर में चोरी की यह पहली वारदात नहीं थी। इससे पहले भी इसी मोबाइल टावर में चार बार चोरी हो चुकी है और पिछली बार चोर पकड़े भी गए थे। अरविंद को इस बार इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि वो जिन बदमाशों से उलझ रहा है वे उसे मौत के घाट उतार देंगे। वजह थी पहले भी एक बार अरविंद ने बदमाशों को बैटरी चुराते वक्त पकड़ लिया था। हालांकि उस वक्त हाथापाई ही हुई थी लेकिन इस बार बदमाश पूरी तैयारी से आए थे और इसका अंदाजा अरविंद को नहीं लगा और जान देकर उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ी।

पहले भी हो चुकी है हत्याएं

टावर की बैटरी चोरी करने को लेकर हत्याएं पहले भी हो चुकी हैं। बीते कुछ सालों में गार्ड और अन्य कर्मचारी इसका शिकार हुए हैं। टकटकपुर में वर्ष 2013 में गार्ड को गला रेतकर बैटरी चोरी के चक्कर में ही मारा गया था। रोहनिया और बड़ागांव में पहले भी टावर में चोरी की घटना को अंजाम देने घुसे चोरों ने हत्या को अंजाम दिया था।


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