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छिटपुट ¨हसा के बीच 58.26 फीसद मतदान

वाराणसी : त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन-2015 के पहले चरण में शुक्रवार को छिटपुट ¨हसा के बीच सेवापुरी, ब

By Edited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 02:34 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 02:34 AM (IST)
छिटपुट ¨हसा के बीच 58.26 फीसद मतदान

वाराणसी : त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन-2015 के पहले चरण में शुक्रवार को छिटपुट ¨हसा के बीच सेवापुरी, बड़ागांव ब्लाक में क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य पद के लिए 58.26 फीसद मतदान हुआ। इस दौरान फर्जी वोटिंग और बूथ कैप्च¨रग की शिकायतें आम रहीं। वहीं एक सिपाही की ओर से सपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने का दबाव बनाने को लेकर हंगामा हुआ। दोनों ब्लाकों के 590 पोलिंग बूथों पर सुबह सात से सायंकाल पांच बजे तक चली मतदान प्रक्रिया के दौरान सेवापुरी ब्लाक में 59.39 फीसद तथा बड़ागांव ब्लाक में 57.13 फीसद मत पड़े। इस तरह दोनों ब्लाकों में बीडीसी के 1017 व 153 जिला पंचायत सदस्यों के भाग्य मतपेटिका में बंद हो गए। एक नवंबर को मतगणना के बाद ही इनके भाग्य का फैसला होगा।

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कहीं लंबी कतार, कहीं पसरा सन्नाटा

सेवापुरी व बड़ागांव ब्लाक में मतदान की रफ्तार शुरुआत में काफी धीमी रही। सुबह नौ बजे तक कहीं पर 10-12 फीसद तो कहीं पांच-छह फीसद वोट पड़े थे। दोपहर बाद लोग घरों से निकले जिससे पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की कतारें लग गई। कई बूथों पर जहां लंबी कतारें दिखीं, वहीं कई जगहों पर सन्नाटा भी पसरा दिखाई दिया। सेवापुरी ब्लाक में 1,78,312 और बड़ागांव ब्लाक में 1,79,065 मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करना था। इनमें तकरीबन 60 फीसद लोगों ने ही मतदान किया।

सपा के पक्ष में सिपाही, हंगामे पर हटा

सेवापुरी ब्लाक के घोसिला पोलिंग बूथ पर कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थकों द्वारा बूथ कैप्च¨रग करने तथा बेलवां में पोलिंग बूथ संख्या 67 पर सिपाही दीना यादव सपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए मतदाताओं पर दबाव बना रहा था। एजेंटों ने इसका विरोध किया, हंगामा किया, बाद में मौके पर पहुंचे अफसरों ने उसे ड्यूटी से हटा दिया। इसके बाद ही लोगों का गुस्सा शांत हुआ।

मतदान करने से पहले पड़ गया वोट

उधर, बड़ागांव प्राथमिक विद्यालय में बने पोलिंग बूथ संख्या 214 पर सुबह नौ बजे मतदान करने पहुंची उर्मिला दुबे उस वक्त सन्न रह गई जब उन्हें पता चला कि उनके नाम पर वोट पड़ गया। हालांकि इसकी शिकायत करने को लेकर इधर-उधर वह भटकीं लेकिन उनकी बात सुनने को कोई तैयार नहीं हुआ। इस तरह से फर्जी वोटिंग का बोलबाला तकरीबन सभी मतदान केंद्रों पर रहा।


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