550 मीट्रिक टन कचरे के बोझ तले शहर
जागरण संवाददाता, वाराणसी : स्वच्छ काशी की ओर नगर निगम ने कदम बढ़ा दिया है, लेकिन बिना जन सहभागिता
जागरण संवाददाता, वाराणसी : स्वच्छ काशी की ओर नगर निगम ने कदम बढ़ा दिया है, लेकिन बिना जन सहभागिता के यह अभियान सफल होने वाला नहीं है, क्योंकि स्वच्छता को लेकर अब भी लोगों की नींद नहीं टूट रही है। कर्मचारी घर-घर कूड़ा उठान कर चले जा रहे हैं और लोग चुपके से फेंक दे रहे हैं। हाल यह है कि 550 मीट्रिक टन कूड़े के बोझ तले शहर दबा हुआ है।
नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार इतना कूड़ा प्रतिदिन निकलता है। इसके निस्तारण के लिए करसड़ा स्थित ठोस कचरा प्रसंस्करण प्लांट का संचालन नहीं हो सका। लिहाजा, कूड़े को रमना में डंप किया जा रहा है। इसके अलावा वरुणा, असि नदी के किनारे, नाला-नाली के किनारे के अलावा हाईवे की पटरियों को फेंका जाता है। इस कार्य में नगर निगम दक्ष है। रात में चुपके से कूड़ा गाड़ी फेक आती है। स्थानीय लोगों को तब पता चलता है जब तेज दुर्गध उठती है।
वक्त पर घरों से निकालें कूड़ा
गांधी नगर में घर-घर कूड़ा उठान होता है। इसी वार्ड में कूड़ा बीनने वालों को भी लगाया गया है। यहां पर महापौर रामगोपाल मोहले का आवास है। उनके द्वारा समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाया जाता है, लेकिन अब तक वह अपने अभियान में सफल नहीं हो पाए हैं। हाल यह है कि कर्मी चले जाते हैं तो लोग घरों का कूड़ा सड़क किनारे नुक्कड़ पर फेक देते हैं।
कंटेनरों का पर्याप्त इंतजाम नहीं
नगर में कंटेनरों का अभाव है। डस्टबिन भी दिखाई नहीं देता जबकि डस्टबिन के अभाव में कंटेनरों की जरूरत और बढ़ जाती है। दुकानों व अन्य स्थानों से निकले कूड़ा कंटेनर में ही फेका जाता है। चौक, गोदौलिया, मैदागिन, बुलानाला, मदनपुरा, सोनारपुरा आदि इलाके में कंटेनरों का अभाव स्पष्ट दिखाई देता है।