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कार्बन फुटप्रिंट की वृद्धि जीवों के लिए खतरनाक

वाराणसी : काशी ¨हदू विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. मधुलिका अग्रवाल ने कहा

By Edited By: Published: Wed, 02 Sep 2015 01:43 AM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2015 01:43 AM (IST)
कार्बन फुटप्रिंट की वृद्धि जीवों के लिए खतरनाक

वाराणसी : काशी ¨हदू विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. मधुलिका अग्रवाल ने कहा कि कार्बन फुटप्रिंट की वृद्धि पृथ्वी पर निवास करने वाले सभी जीवों के लिए खतरनाक है। कार्बनडाई आक्साइड के निर्माण में सर्वाधिक योगदान ईधन का है। जलवायु परिवर्तन न केवल बार-बार बाढ़ के लिए उत्तरदायी है बल्कि सूखा का कारक भी है। सुखद और सुरुचिपूर्ण जीवन के लिए जैव विविधिता एक आवश्यक घटक है। इसे बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। हमारे पूर्वज इसे बखूबी समझते थे। वे आधुनिक विज्ञान से भले ही परिचित नहीं थे परंतु उनकी जीवनशैली अथवा खेती, गृहस्थी हर जगह एक देशज विज्ञान का स्वरूप स्पष्ट था। उनकी चिंतन विधा को वैज्ञानिक 'सतत् विकास' के नाम से आगे ला रहे हैं।

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बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में पांच दिवसीय 'इंस्पायर इंटर्नशिप साइंस कैंप' के तीसरे दिन मंगलवार को व्याख्यान देते हुए प्रो. अग्रवाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का सबसे विकृत रूप ग्लेशियर पर देखने को मिलेगा। एक अनुमान के मुताबिक इनके पिघलने पर समुद्र का वृहद फैलाव हो सकता है जो मिथकों में चर्चित प्रलय का कारण बन सकता है। जंतु विज्ञान विभाग के प्रो. डा. एसके त्रिगुण ने अपने व्याख्यान में बच्चों को वैज्ञानिक बनने की प्रक्रिया में विज्ञान, धर्म और संस्कार को जरूरी तत्व बताया। कहा कि विज्ञान व अध्यात्म वस्तुत: एक-दूसरे के पूरक के रूप में कार्य करते हैं। प्रो. त्रिगुण ने बताया कि शरीर की प्रत्येक कोशिका में जीवनदायी रासायनिक क्रियाओं के रूप में भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश सदा सक्रिय रहते हैं। प्रकृति में तमाम रहस्यमयी क्रियाएं चलती रहती हैं जिसे हम नहीं जानते हैं। विज्ञान इन्हीं रहस्यों का खुलासा करता है। उन्होंने यह भी बताया कि जैव रसायन के क्षेत्र में होने वाले शोध का सीधा संबंध चिकित्सा विज्ञान की प्रगति से है। मनुष्य जीवन की खुशहाली में जैव रसायन प्रक्रिया और जैव विविधता का अद्भुत योगदान है। मनुष्य का अस्तित्व इन्हीं वैज्ञानिक शोधों पर निर्भर है।

भ्रमण सत्र में भौतिक विज्ञान विभाग, प्राणी विज्ञान विभाग, भौमिकी विभाग की प्रयोगशालाओं में बच्चों ने वहां के अध्यापकों संग बातचीत की तथा अधुनातन वैज्ञानिक यंत्रों से परिचित हुए। भ्रमण सत्र में कैंप के संयोजक प्रो. डीसी राय, प्रो. आरके पांडेय, प्रो. आरएन राय, डा. आनंद देव, डा. अजीत, मयंक सिंह आदि उपस्थित थे। सांध्यकालीन सत्र में डा. शांतनु मिश्रा ने छात्रों को योग विद्या द्वारा स्वस्थ रहने के गुर सिखाते हुए मानसिक शांति एवं एकाग्रता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने योग शिक्षा के साथ आहार-विहार एवं पथ अपथ्य की भी शिक्षा दी।


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