वीडीए परिसर में प्रदर्शन, नोंकझोंक, हंगामा
वाराणसी : विकास प्राधिकरण का परिसर में शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान नोंकझोंक, हंगामा भी हुआ। इस दौ
वाराणसी : विकास प्राधिकरण का परिसर में शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान नोंकझोंक, हंगामा भी हुआ। इस दौरान परिसर पुलिस छावनी में बदल गया। गंगा किनारे 200 मीटर में निर्माण व मरम्मत पर लगी रोक के विरोध में धरना प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों को वीडीए अधिकारियों ने पुलिस लगाकर बाहर करवा दिया। प्रदर्शन करने वाले परिसर से बाहर निकलने को तैयार नहीं थे। इसको लेकर उनकी पुलिस व वीडीए के लोगों से कहासुनी भी हुई।
घटना के बाद मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडेय वहा पहुंच गए। उनके नेतृत्व में लोग वीडीए के बाहर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। बाद में वीडीए सचिव एमपी सिंह ने उन्हें किसी तरह समझा कर धरने से उठाया और उनकी मागों के संबंध में उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। डा. संदीप पांडेय ने सवाल उठाए कि ये कैसी रोक है। भगवान का घर (मन्दिर) तो बन सकता है, लेकिन वहीं रहने वाला गरीब अपने घर की मरम्मत भी नहीं करा सकता। कहा कि धरोहर का संरक्षण जरूरी है पर इसका मतलब यह हरगिज नहीं है कि जीवित लोगों केअपने घर में सुरक्षित रहने के अधिकार को छीन लिया जाए। आरोप है कि रसूक व पैसे वाले मकान बना ले रहे हैं और कानून की आड़ में वीडीए कर्मी गरीबों को परेशान कर रहे हैं।
..तो इसलिए गरमा गया माहौल
बड़ी तादाद में घाट के किनारे 200 मीटर के क्षेत्र में बसने वाले नागरिक वीडीए पहुंचे थे। क्षेत्र में निर्माण और मरम्मत पर रोक हटाने को लेकर संदीप पाण्डेय के नेतृत्व में वीडीए में धरना देना था। अचानक वीडीए परिसर में बड़ी तादाद में लोगों को धरने पर बैठा देख वीडीए सचिव बाहर आ गए और उन पर आग बबूला हो गए। लोगों को परिसर से भगाया जाने लगा। जाने से इनकार कर दिया तो पुलिस बुला ली गई। आते ही पुलिस ने धरने पर बैठे सभी लोगों को जबरन परिसर से बाहर कर दिया। फिर क्या था वहा वीडीए सचिव और उपाध्यक्ष के लिए मुर्दाबाद के नारे बुलन्द हो गए। इसी बीच वहा सन्दीप पांडेय पहुंचे और उनके नेतृत्व में सभी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। बाद में सचिव ने संदीप पांडेय समेत कुछ लोगों को बुलाकर उनसे बात की।
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धरने में ये लोग थे शामिल
धरने में चिंतामणि सेठ, धनंजय त्रिपाठी, पीताबर मिश्र, वल्लभाचार्य पांडेय, रवि शेखर, गिरीश पाण्डेय, आनंद तिवारी, लक्ष्मीबाई, जमुनी देवी, गिरिसंत, हरी शर्मा, बृंदा देवी, रेनू पाण्डेय, प्रदीप सिंह, नंदू सोनकर आदि प्रमुख लोग शामिल थे।