102 व 108 एंबुलेंस सेवा बेपटरी, मरीज बेहाल
वाराणसी : शुक्रवार का दिन मरीजों के लिए बेहद परेशानी वाला रहा। कारण जिले भर के 108 व 102 नंबर की एंब
वाराणसी : शुक्रवार का दिन मरीजों के लिए बेहद परेशानी वाला रहा। कारण जिले भर के 108 व 102 नंबर की एंबुलेंस चालकों ने अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल कर दिया। इसके चलते कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल, महिला अस्पताल, पंडित दीनदयाल अस्पताल, रामनगर स्थित लालबहादुर शास्त्री अस्पताल सहित सभी प्राथमिक व सामुदायिक केंद्रों में भी एंबुलेंस सेवा पूरी तरह ठप हो गई। जिले में 60 के करीब 102 व 108 एंबुलेंस तथा तकरीबन 300 चालक हैं। इनके हड़ताल के चलते सबसे ज्यादा समस्या गर्भवती महिलाओं को हुई।
लगभग 25 से ज्यादा मरीज आए अपने साधन से
शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल की बात करें तो वहां पर शुक्रवार को लगभग 25 से ज्यादा मरीजों को भर्ती किए गए। इनमें से सभी अपने साधन से अस्पताल लाए गए थे। मरीजों का कहना था कि हड़ताल से बेखबर थे।
मौनी बाबा समिति ने दी निशुल्क सेवा
एंबुलेंस न मिलने पर मौनी बाबा राम लीला कमेटी काशी के महंत रामचंद्र शर्मा ने उन्हें बड़ी राहत दी। संस्था द्वारा मंडलीय अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर अपनी एक निशुल्क एंबुलेंस खड़ी कर दी जिसके माध्यम से मरीजों को भेजा जा रहा था।
ट्राली पर आई गर्भवती महिलाएं
महिला अस्पताल में शुक्र वार को आठ महिलाएं भर्ती की गई। सभी प्रसव वेदना से पीड़ित थीं। 102 नंबर की एंबुलेंस न मिलने से कोई दो पहिया वाहन तो कोई ट्राली तो कुछ आटो द्वारा परिजनों के साथ अस्पताल पहुंचीं।
ग्रामीण अंचल में दिखा जबरदस्त असर
हड़ताल का असर ग्रामीण अंचल में भी जबरदस्त रूप से दिखा।
काशी विद्यापीठ ब्लाक : स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिलाएं अपने परिजनों के साथ निजी व किराए के वाहनों से पहुंचीं। इनमें शिवदासपुर की सोनी, टिकरी की सोनी, परमानंदपुर की गुड़िया, केसरीपुर की रेनू, टिकरी की आंचल समेत कई गर्भवती महिलाएं प्रसव व जांच के लिए आई थीं।
महिला को मृत बच्चा जन्मा
हरहुआ : स्वास्थ्य केंद्र पर भी बिना एंबुलेंस के मरीज परेशान रहे। चिरईगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी गर्भवती महिलाओं को जबरदस्त समस्या उठानी पड़ी। आशा विद्या ने बताया कि गोपालपुर निवासी मंजू को सुबह प्रसव पीड़ा हुई 102 नंबर की एंबुलेंस को फोन करने पर जवाब मिला कि हड़ताल है। इसके बाद अपने साधन से परिजन मंजू को अस्पताल लाए जहंा उसे मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ।