बेटी से दुष्कर्म पर पिता को उम्रकैद
वाराणसी : नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के अपराध में शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अभियुक
वाराणसी :
नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने के अपराध में शुक्रवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अभियुक्त पिता सीताराम शर्मा को आजीवन कारावास व बीस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। न्यायाधीश वेद प्रकाश वर्मा ने अभियुक्त से जुर्माना वसूले जाने पर आधी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार बिहार के गया जिला के डुमरिया थानांतर्गत निमिया ताड़ गांव निवासी किशोरी वर्ष 2013 में बनारस आई थी। उसने कैंट थाने में तहरीर दी थी कि वर्ष 2006 में उसने अपना घर छोड़ दिया था। आरोप था कि पिता ने कई दफा उसके साथ दुराचार किया। उस समय उसकी उम्र लगभग सात-आठ वर्ष थी। पिता द्वारा मारपीट करने से उसकी मां की मानसिक दशा खराब हो चुकी थी। उसने अपनी मां को आपबीती कई बार बताया लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। पिता की द¨रदगी से आजिज आकर उसने घर छोड़ दिया। इस दौरान उसने कई शहरों में छोटा-मोटा काम करके जीवनयापन किया।
इलाहाबाद में एक महिला की मदद से पीड़िता वाराणसी में संचालित एक समाजसेवी संस्थान में पहुंची और आपबीती सुनाई। संस्थान की पहल पर कैंट पुलिस ने बीस मई 2013 को पीड़िता के पिता सीताराम शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। अभियुक्त को गिरफ्तार करने के साथ ही किशोरी का मेडिकल कराया। अदालत में कलमबंद बयान भी दर्ज कराया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियुक्त ने अदालत में स्वीकार किया कि नशे की हालत में उससे अपराध हो गया था। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने अभियुक्त को दोषी करार दिया। अदालत में अभियोजन पक्ष की पैरवी डीजीसी अनिल सिंह व एडीजीसी आलोक चंद्र शुक्ल ने की।
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-अदालत की तल्ख टिप्पणी-
एक पिता द्वारा अपनी अवयस्क बेटी के साथ लगातार बलात्कार किया जा रहा हो और बेटी को उसकी मां का भी कोई सहारा न मिल रहा हो तो ऐसी लड़की का जीवन बदतर हो जाता है। जिस पिता पर अपने बच्चों की सामाजिक, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक व शैक्षणिक संरक्षण की जिम्मेदारी हो और वही उसके साथ ऐसी घिनौनी हरकत करने लगे तो ऐसे अभियुक्त पिता को आजीवन कारावास की सजा देना ही न्यायोचित होगा।