कृष्ण व सुदामा पढ़ें एक साथ
वाराणसी : शिक्षा अपने उद्देश्यों में तभी सफल होगी जब कृष्ण व सुदामा एक छत के नीचे पढ़ेंगे। ऐसे में द
वाराणसी : शिक्षा अपने उद्देश्यों में तभी सफल होगी जब कृष्ण व सुदामा एक छत के नीचे पढ़ेंगे। ऐसे में देश की भावी शिक्षा नीति पर पुन: विचार करने की आवश्यकता है। राष्ट्र को विभेदकारी शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा में बाजारीकरण से बचाया नहीं गया तो आने वाले दशकों में एक नक्सलपंथ का जन्म सुनिश्चित है। साई शिक्षण संस्थान, महमूरगंज में आयोजित 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय की भावी शिक्षा नीति' विषयक परिसंवाद का यह निष्कर्ष रहा।
उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य संघ की ओर से आयोजित परिसंवाद में तमाम चर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि काशी में शीघ्र 'शिक्षा संसद' का आयोजन किया जाएगा। इसमें विद्वान, शिक्षाविद्, सांसद, विधायक, राजनेताओं को आमंत्रित किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट मानव संसाधन मंत्री व प्रधानमंत्री को भी प्रेषित की जाएगी। अध्यक्षीय उद्बोधन संघ संयोजक डा. विश्वनाथ दुबे ने किया। परिसंवाद में मंडलीय अध्यक्ष डा. अखिलेंद्र त्रिपाठी, डा. अविनाश चंद्र सिंह आदि ने विचार रखे। संचालन डा. महेश तिवारी व धन्यवाद जनपद अध्यक्ष डा. बेनी माधव ने किया।