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वल्लभाचार्य महाप्रभु को समर्पित किए सुर और राग

वाराणसी : चौखंभा स्थित षष्ठपीठ गोपाल मंदिर में वल्लभाचार्य महाप्रभु प्राकट्य महोत्सव के तीसरे दिन

By Edited By: Published: Fri, 17 Apr 2015 01:48 AM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2015 01:48 AM (IST)
वल्लभाचार्य महाप्रभु को समर्पित किए सुर और राग

वाराणसी : चौखंभा स्थित षष्ठपीठ गोपाल मंदिर में वल्लभाचार्य महाप्रभु प्राकट्य महोत्सव के तीसरे दिन मुकंद गोपाल सेवा संस्थान द्वारा संगीत संध्या का आयोजन किया गया। इसमें कलाकारों ने महाप्रभु को सुर और राग समर्पित किए। बंदिशों-भजनों से महिमा का बखान किया और श्रद्धालुओं को विभोर कर दिया।

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पं. शिवनाथ मिश्र व उनके पुत्र पं. देवव्रत मिश्र ने सितार पर युगलबंदी की। राग झिंझोटी में तारों में झंकार भरी व श्रोताओं का मन मयूर झंकृत कर दिया। सितार पर ठुमरी और उपशास्त्रीय संगीत के भाव सजाए। तबले पर कुबेरनाथ मिश्र ने साथ दिया। पं. देवाशीष डे ने राग चंद्रकौंस में बड़ा ख्याल 'बृज की नार चली आवत कृष्ण कृष्ण कहत..' की शानदार प्रस्तुति की। द्रुत एक ताल में 'गोकुल गांव के छोरा..' सुना विभोर किया। वल्लभाचार्य महाप्रभु रचित नंदगोपाष्टकम से श्रद्धा रस बरसाए। तबला पर श्रीराम डोहकर व हारमोनियम पर जमुना वल्लभ गुजराती ने संगत किया। अध्यक्षता षष्ठपीठाधीश्वर गोस्वामी श्याममनोहर महाराज ने की। गोस्वामी प्रियेंदु बाबा समेत विद्वतजन उपस्थित थे। संचालन डा. सीमा वर्मा ने किया।


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