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तीन प्रस्ताव छोड़ नगर निगम का 680.68 करोड़ का बजट पास

जागरण संवाददाता, वाराणसी : नगर निगम सदन में सोमवार को तीन प्रस्तावों पार्किंग शुल्क समेत जेएनएनय

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 01:13 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 01:13 AM (IST)
तीन प्रस्ताव छोड़ नगर निगम का 680.68 करोड़ का बजट पास

जागरण संवाददाता, वाराणसी : नगर निगम सदन में सोमवार को तीन प्रस्तावों पार्किंग शुल्क समेत जेएनएनयूआरएम व 13वें वित्त के तहत हुए विकास कार्यो को छोड़कर 680.68 करोड़ का बजट पास हो गया। दोपहर 12 बजे से चली मैराथन बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले हुए, इसके बाद शाम करीब सवा चार बजे तक चली बैठक को सात अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। महापौर रामगोपाल मोहले ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित बैठक में तीन ओपेन प्रस्तावों समेत जलकल के 86.42 करोड़ की बजट पर चर्चा होगी।

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बैठक में वरिष्ठ पार्षद नरसिंह दास ने प्रस्ताव पढ़े। सबसे पहले करों से 2812 लाख रुपये हुई आय पर चर्चा हुई। नामित पार्षद अमरदेव यादव ने गृहकर वसूली की तकनीकी खामियों को उजागर किया तो पार्षद अशोक मिश्र ने कमजोर वसूली की आवाज उठाई। स्पष्ट किया कि 27 करोड़ 72 लाख रुपये गृहकर लक्ष्य के सापेक्ष नगर निगम 26 करोड़ वसूली का दावा जरूर कर रहा है लेकिन मकानों की संख्या के सापेक्ष वसूली कम हुई है। 26 करोड़ की धनराशि में बीते वित्तीय वर्ष का बकाया भी शामिल है। पार्षद डा. राजेश जायसवाल ने कहा कि नगर में कुल एक लाख 68 हजार मकानों से भवन कर वसूला जाता है। इसके सापेक्ष करीब एक लाख भवनों से ही वसूली हुई है। पार्षद शंकर विसनानी ने गृहकर वसूली में नगर निगम कर्मियों की उदासीनता का उदाहरण सदन में पेश किया। छवि महल सिनेमा घर का चेक सदन के पटल पर रख दिया। आरोप लगाया कि सिनेमा घर के मालिकान तीन दिनों से गृहकर जमा करने के लिए दौड़ रहे हैं। महापौर ने संबंधित मामले के निस्तारण के लिए निर्देश दिया। पार्षद प्रियंका मौर्या ने यात्री कर के तौर पर वसूली नहीं होने पर आश्चर्य व्यक्त किया। कहा, पर्यटन नगरी में यात्री कर वसूला जाए तो निगम की आय में बढ़ोत्तरी होगी। पार्षद साजिद ने बुनकरों के घरों पर व्यवसायिक कर लगाने का विरोध किया। वहीं पार्षद रविकांत ने मुक्ती भवन, मठ, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सभी को गृहकर से मुक्त करने की मांग की।

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व्यावसायिक भवनों पर लगे स्वकर

व्यावसायिक भवनों की गृहकर वसूली स्वकर के तहत नहीं होने पर पार्षदों ने नाराजगी जाहिर की। कहा, बीते दो वर्ष से स्वकर के दायरे में लाकर व्यावसायिक भवनों से नई नियमावली के अनुसार वसूली की जाए। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी महातम यादव ने कहा कि अभी पुराने नियमों से ही व्यावसायिक भवनों की गृहकर वसूली हो रही है लेकिन वित्तीय वर्ष 2015-16 में स्वकर निर्धारित कर दिया जाएगा।

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सिनेमा कर का लक्ष्य 50 लाख, धरोहरों पर शूटिंग हेतु यूजर चार्ज

कर्तव्यों के अधीन आय के तहत स्टांप ड्यूटी से हुई आय तो संतोषजनक रही लेकिन पार्षदों ने सिनेमा कर की वसूली पर असंतोष जताया। वजह, निगम प्रशासन ने सिनेमा कर के तौर पर 12 लाख लक्ष्य के सापेक्ष महज 62 हजार रुपये वसूली की। अपर नगर आयुक्त बीके द्विवेदी ने बताया कि प्रति शो 30 रुपये सिनेमा घरों से लिया जाता है। इसपर पार्षदों ने सवाल किया कि यह दर मॉल में लगने वाली फिल्मों पर सटीक नहीं बैठता क्योंकि वहां टिकट दर बहुत अधिक है। पार्षदों ने सिनेमा कर लक्ष्य को 50 लाख करने पर सहमति जताई। महापौर ने गंगा घाट समेत धरोहरों पर शूटिंग करने वालों से यूजर चार्ज वसूलने का निर्देश दिया।

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निगम की दुकानों की हो जांच

नगरीय संपत्तियों के किराए से आय के तहत निगम की दुकानों पर चर्चा हुई। महापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दुकानों की जांच कर उसका मौलिक आकार व आवंटी की जांच की जाए। प्रेक्षागृह के लिए नई योजना का खुलासा करते हुए महापौर ने बताया कि करीब 74 करोड़ की योजना बनी है। विश्वस्तरीय प्रेक्षागृह बनेगा जिसमें सदन कक्ष भी होगा।

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निगम की जमीनों पर चहारदीवारी

पार्षद गोविंद शर्मा ने निगम की खाली जमीनों पर भू-माफियों के कब्जे की आवाज उठाई। पार्षद अनिल शर्मा ने सुझाव दिया कि ऐसी जमीनों पर नगर निगम चहारदीवारी बनाकर किराया वसूले तो आय बढ़ेगी और संपत्ति भी सुरक्षित रहेगी। अवैध विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना वसूलने का निर्देश दिया गया।

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कुत्तों का पंजीयन शुल्क दो सौ

कुत्तों का पंजीयन शुल्क 20 रुपये की बजाए दो सौ रुपये करने का निर्णय हुआ है। पार्षद शिव सेठ ने आरोप लगाया कि लोग महंगा कुत्ता पाल लेते हैं लेकिन गंदगी सड़क पर कराते हैं। वहीं नरसिंह दास ने नगर आयुक्त पर कटाक्ष करते हुए कहा, निगम की कार्रवाई समझ के परे है। दुधारु गायों को पकड़ कर कांजी हाउस में बंद कर देते हैं जबकि आवारा कुत्तों को नहीं पकड़ते। शिकायत पर नगर आयुक्त उल्टा जवाब देते हैं कि पशु क्रूरता अधिनियम के चलते कुत्तों पर कार्रवाई नहीं होती। सवाल उठता है कि क्या गाय दुधारु पशु नहीं है।

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नाव लाइसेंस देने का आदेश

सदन में पार्षद ओमप्रकाश चौरसिया के सवालों पर गंगा में नाव संचालन के लिए लाइसेंस जारी करने पर निर्णय हुआ। राजस्व अधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि कछुआ सेंचुरी के चलते नावों व स्टीमरों के लाइसेंस जारी करने पर रोक लगी है। महापौर ने कहा, नावों से कछुआ सेंचुरी को कोई नुकसान नहीं है। लाइसेंस जारी किया जाए। वहीं पशु वध, कसाई व मांस व्यापारी लाइसेंस शुल्क तो नहीं बढ़ाया गया लेकिन मृत पशुओं के निस्तारण को शहर के बाहर कराने का निर्णय हुआ।

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बीयर व शराब की दुकानें से वसूली

सदन में बीयर व शराब की दुकानों से वसूली करने का निर्णय हुआ है। पार्षद विजय जायसवाल ने इन दुकानों के शुल्क में भारी वृद्धि की वकालत की तो सदन ने भी सहमति जताते हुए 24 हजार करने की मांग की। महापौर ने नाराजगी जाहिर करते हुए शुल्क बढ़ाने का समर्थन किया। कहा, चार साल हो गए अधिनियम बने लेकिन अभी तक बीयर व शराब की दुकानों से वसूली नहीं हुई। नगर आयुक्त उमाकांत त्रिपाठी ने बताया कि बीयर की प्रति दुकान से छह हजार, अंग्रेजी शराब की दुकान से 12 हजार व देशी शराब की दुकान से छह हजार रुपये वसूलने का नियम है।

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नर्सिग होम लाइसेंस शुल्क चार गुना

सदन में चर्चा के दौरान नर्सिग होम व अस्तपाल लाइसेंस शुल्क चार गुना बढ़ाने पर सहमति बनी है। नामित पार्षद वरुण सिंह ने शुल्क वृद्धि की वजहों को तर्क के साथ रखा। निगम अधिकारियों ने बताया कि अभी 20 बेड के अस्पताल के लिए दो हजार व 40 बेड के अस्पताल के लिए चार हजार रुपये शुल्क निर्धारित है। इसी क्रम में पार्षदों ने स्कूलों व उनके बसों के लाइसेंस शुल्क को बढ़ाने का निर्णय लिया। मलवा फेंकने वालों पर पांच सौ रुपये जुर्माना लगाने को कहा गया।

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कब्जेदारों के खिलाफ एफआईआर

नगर निगम के आवासों में कर्मचारियों द्वारा कब्जा होने के मसले पर पार्षदों ने नाराजगी जाहिर की। नगर आयुक्त ने संबंधित कर्मियों के खिलाफ एफआईआर करा आवास को खाली कराने का भरोसा दिया।

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पार्षदों को सीयूजी नंबर

सदन में चर्चा के दौरान पार्षदों ने जनहित की समस्याओं के समाधान के लिए नगर निगम ने सीयूजी नंबर देने का आग्रह किया। सर्वसम्मति प्रस्ताव पास होने पर महापौर ने एक सप्ताह के अंदर सभी पार्षदों को सीयूजी नंबर का सिम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

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दूध सट्टी का ठेका क्यों बंद

सदन में दूध सट्टी का मसला भी उठा। पार्षद राजेश यादव व सत्य प्रकाश कौशिक उर्फ सत्यम ने कहा, बिना ठेके के वसूली हो रही है। महापौर रामगोपाल मोहले ने ठेका बंद होने पर नाराजगी जाहिर की। इस दौरान नगर आयुक्त भी असहज हो गए। स्पष्ट किया कि शासन से कोई आदेश नहीं आया है लेकिन अधिनियम के मद्देनजर नया ठेका नहीं हुआ। महापौर ने निर्देश दिया कि पूर्व की भांति इस वित्तीय वर्ष में ठेका कराया जाए। अवैध ढंग से वसूली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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नगर में सुअर पालन नहीं

पार्षद अजय गुप्ता ने सुअर पालन से जनता की परेशानियों को सदन में उजागर करते हुए जानकारी मांगी कि किस अधिकार से लोग सुअर पालन कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि ऐसा कोई नियम नहीं है और रिहायशी इलाके में सुअर पालन नहीं हो सकता। हालांकि महापौर ने ऐसे पालकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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नगर आयुक्त को बधाई

सदन में पार्षदों ने नगर आयुक्त उमाकांत त्रिपाठी को बधाई दी। कहा, जिस प्रकार नगर आयुक्त ने पारदर्शी ढंग से बजट पत्र तैयार किया है उसके लिए सदन की ओर से बधाई दी जाती है। नगर आयुक्त ने भी पार्षदों की भावनाओं का सम्मान किया।


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