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रेलवे का फ्रेट कारिडोर 2018-19 तक

जागरण संवाददाता, वाराणसी : रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने कहा है कि भारत में रेल यातायात को

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 12:52 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 12:52 AM (IST)
रेलवे का फ्रेट कारिडोर 2018-19 तक

जागरण संवाददाता, वाराणसी : रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने कहा है कि भारत में रेल यातायात को और बेहतर बनाने के लिए सन 2018-19 तक दो चरणों में 3228 किलोमीटर का फ्रेट कारिडोर तैयार कर लिया जाएगा। पहले चरण में ईस्ट फ्रेड कारिडोर कोलकाता के डांकुनी से लुधियाना 1468 किमी ..और दूसरे चरण में 1760 किमी वेस्टर्न फ्रेट कारिडोर दादरी से मुंबई के पं. जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक। इन दोनों कारीडोर का मिलन होगा दादरी में। इसके लिए उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में रेल पटरी बिछाई जाएगी। पूर्वी फ्रेड कारिडोर के लिए पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार व उत्तर प्रदेश में रेल लाइन बनाई जाएगी।

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श्री मित्तल ने शनिवार को वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत में 65 फीसद रूट पर सौ फीसद मानक से अधिक 120 फीसद ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। फ्रेड कारिडोर के बन जाने से रेल परिचालन में राहत आएगी। एक ही पटरी पर शताब्दी, राजधानी, सुपरफास्ट, मेल-एक्सप्रेस, पैसेंजर व मालगाड़ियों का भारी लोड है। यही कारण है कि ट्रेनें समय से नहीं चल पा रही हैं। संरक्षा व सुरक्षा पर भी बड़े पैमाने पर योजनाएं बनाई गई हैं। उनपर भी काम चल रहा है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण ट्रेनों में स्कॉट चल रही है जबकि 182 नंबर घोषित किया गया है।

..और सुधार की जरूरत

चेयरमैन ने कहा कि कैंट स्टेशन के निरीक्षण में पाया कि और यहां सुधार की जरूरत है। यात्री हॉल, वेटिंग रूम, विश्रामालय, बुकिंग, आरक्षण, पेयजल व खानपान साथ सफाई और बेहतर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य भवन का बदलेगा लुक

कैंट स्टेशन के मुख्य भवन का लुक ऐसा बनाया जाएगा कि दूर से लगे की यात्री बनारस आ गया। सर्कुलेटिंग एरिया और बेहतर बनाय जाएगा। इसके तहत एक ओर से आना और दूसरी ओर से जाना। इसके बाद भूतल भाग में यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय समेत अन्य सुविधाएं बनाई जाएंगी। यह कार्य एक वर्ष में दिखाई देने लगेगा, वहीं प्रथम तल पर पर्यटकों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

दो वर्ष में यार्ड का री-मॉडलिंग

कैंट स्टेशन के यार्ड का री-मॉडलिंग शुरू होने वाली है, यह बड़ा काम है। ट्रेनों को चलाते हुए री-मॉडलिंग होनी है, इसलिए समय लगेगा। उम्मीद है कि दो वर्ष में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

अब 26 डिब्बे के प्लेटफार्म

सामान्य तौर पर बनारस स्टेशन में 26 डिब्बों वाली गाड़ियां रोकने के लिए प्लेटफार्म बनाए जाएंगे। इसमें दिक्कत आने पर 24 कोच के प्लेटफार्म जरूर बनाएं जाएंगे।

दोनों फुटओवर ब्रिज जुडे़ंगे

स्टेशन के दोनों फुटओवर ब्रिज कहीं बीच से जोड़े जाएंगे ताकि यात्री छावनी साइड आसानी से आ-जा सकें।

चार स्वचालित सीढि़यां और

यहां चार और स्वचालित सीढि़यां लगाई जाएंगी। एक मुख्य भवन में लगी है। इसके अलावा एक छावनी साइड और अन्य प्लेटफार्मो से ओवरब्रिज पर चढ़ने के लिये लगाई जाएंगी।

मंडुआडीह व सिटी का विस्तार

चेयरमैन ने कहा कि कैंट का लोड कम करने के लिए मंडुआडीह व सिटी स्टेशन का भी विस्तार किया जा रहा है। दोनों स्टेशनों पर कई योजनाएं जल्द ही पूरी होंगी।

मालवीय ब्रिज सुरक्षित

एक सवाल के जबाव में श्री मित्तल ने कहा कि रेलवे की दृष्टि से मालवीय ब्रिज में कोई दिक्कत नहीं है। अभी सुरक्षित है। ट्रेनों में परिचालन के मद्देनजर बराबर जांच करते रहना होगा।

आप ने सौंपा ज्ञापन

कैंट स्टेशन के निरीक्षण के दौरान आप के कार्यकर्ताओं ने बनारस में सुनियोजित ढंग से रेलवे के विकास के लिए ज्ञापन सौंपा। निरीक्षण के दौरान पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव मिश्र, उत्तर रेलवे के जीएम एके पुथिया, आरपीएफ के महानिरीक्षक हरानंद, लखनऊ डीआरएम एके लाहोटी, वाराणसी मंडल के डीआरएम एसके कश्यप, सीनियर डीसीएम अश्रि्वनी श्रीवास्तव, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक रवि प्रकाश चतुर्वेदी, अपर चिकित्सा अधीक्षक डा. महेंद्र चौधरी, सहायक सुरक्षा आयुक्त एसके पाल, वरिष्ठ स्टेशन प्रबंधक एके पांडेय समेत कई इंजीनियर मौजूद रहे।


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