घर घर साधना, शक्ति की आराधना
वाराणसी : वासंतिक नवरात्र के अंतिम दिन शनिवार को घर-द्वार और देवी दरबार जयकार से गूंजते रहे। हवन होम
वाराणसी : वासंतिक नवरात्र के अंतिम दिन शनिवार को घर-द्वार और देवी दरबार जयकार से गूंजते रहे। हवन होम से उठते धूम की सुवास से कोना कोना तो गमका ही इसकी दमक तन मन में भी महसूसी गई। श्रद्धालुओं ने दुर्गा सप्तशती के अमोघ मंत्रों से गौरी व देवी की आराधना-साधना की। नौ कन्याओं को विधि-विधान से पकवान खिलाए, अनुष्ठान किया और मंगलकामना की जुहार भी लगा दी। कुछ इस तरह नौ दिन चले देवी पाठ का माता रानी की आरती के साथ शुभ समापन किया। वहीं कुछ लोगों ने शुक्रवार की रात ही यह विधान पूरे कर लिए।
रात के तीसरे प्रहर से ही सड़कों पर रौनक दिखने लगी। शंख, घंटा-घड़ियाल की ध्वनि के बीच पुरोहितों ने दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से यज्ञ अनुष्ठान की पूर्णाहुति कराई। सुहागिनों ने चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, चुनरी माता को चढ़ाया। इससे पहले घरों में बसियउरा पूजन किया और भगवती को भोग पकवान अर्पित किया। दर्शन पूजन के लिए देवी मंदिरों में सुबह से रात तक कतार लगी रही। चढ़ती उतरती के मान अनुसार व्रत रखने वालों ने अष्टमी के व्रत का पारन किया। नौ दिनी व्रत रखने वाले रविवार की सुबह पारन करेंगे।
कीनाराम आश्रम में पूजी गई कुमारियां
अघोराचार्य बाबा कीनाराम अघोर शोध एवं शोध संस्थान में नौ कुमारी कन्याओं व भैरव का पूजन किया गया। बाबा सिद्धार्थ गौतम रामजी के सानिध्य में श्रृंगारित कन्याओं का पूजन कर फल पकवान खिलाए गए। आचार्य धनंजय, डा. संगीता सिंह ने अनुष्ठान किया। भक्तों ने गौतम रामजी का दर्शन किया व आशीर्वाद लिया।
गायत्री शक्तिपीठ में अनुष्ठान
गायत्री शक्तिपीठ नगवा में नवरात्र जप साधना की पूर्णाहुति की गई। साधकों ने 24 कुंडीय महायज्ञ में आहुति दी। भगवान सिंह यादव, डा. उषा किरण ने संस्कारित कराया।
विंध्यवासिनी रूप श्रृंगार
कामाख्या देवी मंदिर में भगवती का विंध्यवासिनी रूप सजाया गया। पंचामृत स्नान के बाद फूलों से श्रृंगार कर सिंह पर झांकी सजाई गई। मध्यरात्रि में सवा किलो कपूर से आरती की गई। जियापुरा चेतगंज स्थित आदि शक्ति स्वरूपा सिद्धपीठ बड़ी शीतलामाता का भी श्रृंगार किया गया।