वित्तमंत्री ने जल शव वाहिनी का किया लोकार्पण
जागरण संवाददाता, वाराणसी : गंगा तीरे अस्सी घाट पर शनिवार की सुबह वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मानस म
जागरण संवाददाता, वाराणसी : गंगा तीरे अस्सी घाट पर शनिवार की सुबह वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मानस मर्मज्ञ संत मोरारी बापू के साथ, जल शव वाहिनी का लोकार्पण किया। महाश्मशान मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह के लिए देश विदेश से आने वाले शव यात्रियों को शहर के भीषण जाम की दुश्वारियों से बचाने के लिए शुरू की गई इस अति महत्वाकांक्षी निशुल्क जनसेवा सुविधा का लोकार्पण करते हुए श्री जेटली ने कहा कि काशी अपनी महत्ता के अनुसार विश्व नगरी बनेगी। इस दिशा में सरकार के कदम बढ़ चुके हैं। विकास की विश्वस्तरीय योजनाएं बनाई गई हैं। प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के नाते इस नगर का राजनीतिक महत्व भी अब अधिक हो गया है।
लोकार्पण स्थल पर अपने संक्षिप्त संबोधन में उन्होंने कहा कि काशी के विकास को लेकर केंद्र सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। जल शव वाहिनी का संचालन इसकी कड़ी भर है। काशी के लिए बनी विकास योजनाएं मूर्तरूप लेंगी तो शहर में जनता से जुड़ी मूलभूत सुविधाएं विश्व स्तरीय हो जाएंगी। इससे पर्यटन उद्योग को विस्तार मिलेगा। विद्युत व्यवस्था, ¨रग रोड, घाटों का निर्माण, पर्यटन विस्तार आदि का विकास शहर की महत्ता के अनुकूल किया जाएगा।
अरुण जेटली ने मानस मर्मज्ञ संत मोरारी बापू के सानिध्य में बटन दबाकर जल शव वाहिनी का लोकार्पण किया। इसके साथ ही हर हर महादेव के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। पुरोहितों ने नारियल फोड़ा और मंगलाचरण किया। वित्त मंत्री व मोरारी बापू ने मां गंगा को प्रणाम कर जल शव वाहिनी को मोक्षदायिनी को समर्पित किया।
--------------------
गंगा सेवार्थ बापू ने दिए 11 लाख
समारोह के दौरान संत मोरारी बापू ने गंगा सेवा के लिए 11 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने जल शव वाहिनी के संचालन को पुनीत कार्य बताया। इसमें सहभागिता की लोगों से अपील भी की। इस दौरान पीएमओ के प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्र, संयुक्त सचिव एके शर्मा, प्रधानमंत्री के निजी सचिव तन्मय, महापौर रामगोपाल मोहले, विधायक ज्योत्सना श्रीवास्तव, रवींद्र जायसवाल, केदारनाथ सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष सुजीत सिंह, भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य, संगठन मंत्री चंद्रशेखर, जिलाध्यक्ष नागेंद्र रघुवंशी, महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि, केशव जालान, सूर्यकांत जालान के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।