अमित शाह के लिटमस टेस्ट में अनिल राजभर पास
जागरण संवाददाता, वाराणसी : छोटा कटिंग मैदान में रविवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
जागरण संवाददाता, वाराणसी : छोटा कटिंग मैदान में रविवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की परीक्षा में राजभर समाज के अगुवा बने अनिल राजभर अंतत: पास हो गए। भीड़ को देख अमित शाह गदगद तो थे ही, सभा को संबोधित कर रहे अनिल राजभर की बातों को भी उन्होंने बड़े ध्यान से सुना। इस दौरान बगल में बैठे प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी से धीरे-धीरे वार्ता की। विधायक रवीेंद्र जायसवाल से भी अनिल राजभर के बारे में पूरी जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने अनिल को भाजपा में शामिल करने की हरी झंडी दे दी।
अपना संबोधन खत्म करने के बाद अनिल राजभर सीधे अमित शाह के पास पहुंचे तो अमित शाह ने उनकी सराहना करते हुए उन्हें भाजपा का सदस्य बनाए जाने की जानकारी दी। खुशी से लबरेज अनिल से मंच पर बैठे सभी जनप्रतिनिधियोंव पदाधिकारियों से हाथ मिलाकर साथ चलने का भरोसा दिया।
बदले राजनीतिक परिदृश्य में अनिल राजभर के अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद राजनीति के जानकारों का मानना है कि शिवपुर विधानसभा सीट का राजनीतिक समीकरण यकीनन बदल गया है। जानकारों के अनुसार अब भाजपा के पास भी संबंधित विस क्षेत्र में चुनावी जंग में मजबूत योद्धा मिल गया है।
समारोह में मौजूद श्याम नारायण राजभर, पारसनाथ राजभर, केदारनाथ राजभर, विनोद मास्टर आदि ने अनिल राजभर के नेतृत्व में अमित शाह को स्मृति चिन्ह प्रदान कर साथ निभाने का वादा किया।
सपा बनाम भाजपा : बात अनिल राजभर की करें तो चिरईगांव विधानसभा सीट से सपा विधायक रामजीत राजभर के निधन के बाद उपचुनाव में उनके पुत्र अनिल राजभर को सपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था मगर वो चुनाव हार गए। बाद के दिनों में पिछली सपा सरकार ने अनिल राजभर को दर्जा प्राप्त मंत्री पद से नवाजा। कालांतर में अमर सिंह प्रकरण को लेकर अनिल राजभर ने सपा छोड़ दी मगर बाद के दिनों में उनकी पुन: वापसी हुई। हालांकि उसके बाद उनके व सपा के संबंध बहुत मधुर नहीं रह गए। इसे देखते हुए अनिल राजभर ने राजभर समाज में अपनी गहरी पैठ बनाई, हालांकि राजभर समाज के लिए ओमप्रकाश राजभर की भी दमदार दावेदारी, पूर्वाचल लगातार महसूस करता रहा। बहरहाल, इन बनते बिगड़ते संबंधों के बीच रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपने कार्यक्रम में बुलाकर अनिल राजभर ने अपनी मजबूत उपस्थिति से न सिर्फ दूसरे दलों, वरन कई भाजपा दिग्गजों को भी चकित कर दिया है। बदले परिदृश्य में राजनीति के जानकार मानते हैं कि अब पूर्वाचल, खासकर वाराणसी की कई विधानसभा सीटों पर राजभर समाज के मतों को लेकर गोलबंदी व सेंधमारी का दौर शुरू हो जाएगा।
इस बदलते राजनीतिक समीकरण को अन्य दलों ने भी महसूसा। त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर) के प्रदेश महासचिव शशिप्रताप सिंह व जिलाध्यक्ष रमेश राजभर ने अनिल राजभर को जहां चूका राजनीतिज्ञ बताया, वहीं समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सतीश फौजी ने स्पष्ट किया कि अति पिछड़ी 14 जातियों को अनुसूचित का दर्जा दिलाने के लिए सपा बहुत पहले से संघर्षरत है मगर केंद्र ही अटका रहा है रोड़ा ..और अब अनिल राजभर हैं उसी केंद्र सरकार की पार्टी भाजपा के साथ।