अन्ना हजारे का आंदोलन देशहित में
वाराणसी : नई दिल्ली में अन्ना हजारे के नेतृत्व मे भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ हो रहा आदोलन देशहि
वाराणसी : नई दिल्ली में अन्ना हजारे के नेतृत्व मे भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ हो रहा आदोलन देशहित में है। केंद्र की मोदी सरकार किसानों को बर्बाद करने वाली है। सरकार का जमीन हथियाने का 'काला अध्यादेश' खेतों के किसानी मालिकाना को छीनकर कारपोरेट छतरी को सौंपने का दरवाजा खोल देता है।. इससे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी।
गुरुवार को सिगरा में हुई बैठक में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री शतरूद्र प्रकाश ने कहा कि अध्यादेश का सबसे खराब असर देश के प्राथमिक क्षेत्र पर पडे़गा। वैश्वीकरण के दौर में हर प्रकार की मंदी का सामना सिर्फ खेती वाला प्राथमिक क्षेत्र ही करने मे सक्षम है। तमाम तरह की प्रतिकूलताओं के बावजूद कृषि प्रधान भारत की रूरल ईकोनौमी से देश की 60 से 65 फीसदी आबादी सम्बद्ध है। अभी तक का अनुभव यह बताता है कि जब भी खेती की जमीन का अधिग्रहण होता रहा,उसका स्थानीय सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों पर खराब असर पड़ा।
सपा नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने सोशल सर्वे तथा किसानों की सहमति वाले प्रावधानों को हटाकर किसानों को कारपोरेट की आर्थिक गुलामी की जंजीर मे कैद करने का 'काला कानून' बनाया है।
मजदूर कांग्रेस का भी धरना
केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस 'इंटक' के कार्यकर्ताओं ने लहुराबीर-आजाद पार्क में धरना दिया। इंटक के महानगर अध्यक्ष गंगा सहाय पाण्डेय के नेतृत्व में आयोजित धरना व सभा में केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद हुई। इस दौरान अध्यादेश को तत्काल वापस लेने की मांग की गई। सभा को एसपी श्रीवास्तव, नेहरू पाण्डेय, शरद कुमार, आनंद चौबे ने संबोधित किया।