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पत्रकारिता में तथ्य सर्वोपरि

वाराणसी : पत्रकारिता में तथ्य सर्वोपरि होता है। इसमें प्रतिबद्धता अति आवश्यक है। पत्रकारों को ऊर्जाव

By Edited By: Published: Thu, 29 Jan 2015 09:57 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jan 2015 09:57 PM (IST)
पत्रकारिता में तथ्य सर्वोपरि

वाराणसी : पत्रकारिता में तथ्य सर्वोपरि होता है। इसमें प्रतिबद्धता अति आवश्यक है। पत्रकारों को ऊर्जावान होना इसलिए जरूरी है क्योंकि यही ऊर्जा आगे चलकर निष्पक्षता, ईमानदारी व रचनात्मकता का स्वरूप लेती है।

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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता विभाग में गुरुवार को 'भारतीय पत्रकारिता की दशा व दिशा' विषयक संगोष्ठी का यह निष्कर्ष रहा। भारतीय पत्रकारिता दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में के विशिष्ट वक्ता आकाशवाणी के पूर्व निदेशक प्रेम नारायण ने पत्रकारिता को रचनात्मक प्रतिरोध के प्रति छटपटाहट बताया। कहा कि हमें हमेशा सच देना चाहिए। प्रो.केसी पांडेय ने कहा कि पत्रकारिता में तटस्थता का महत्वपूर्ण स्थान है। हमें इस बात का ध्यान देना होगा। मानविकी संकाय के अध्यक्ष प्रो.श्रद्धानंद ने कहा कि अच्छा पत्रकार वही हो सकता है जो अच्छा श्रोता हो। पत्रकारिता विभागाध्यक्ष प्रो.अनिल कुमार उपाध्याय ने कहा कि व्यावसायिकता पत्रकारिता के लिए संकट है। पत्रकारों को इस पर विचार करना चाहिए। इस मौके पर डा. प्रभाशंकर मिश्र, डा. अरूण शर्मा, डा. रश्मि श्रीवास्तव सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किए। संचालन डा. विनोद सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डा. नंद बहादुर ने किया।


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