50 रुपये की खातिर हैवान बना जवान, गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, वाराणसी : हैवानियत की हद पार करते हुए महज 50 रुपये की खातिर कैंट रेलवे स्टेशन पर तै
जागरण संवाददाता, वाराणसी : हैवानियत की हद पार करते हुए महज 50 रुपये की खातिर कैंट रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ के जवान ने एक महिला को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। गंभीर रूप से घायल महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी जवान शरदचंद दुबे की पहचान के बाद बुधवार की रात 10 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित पक्ष की तहरीर पर जीआरपी ने एफआइआर दर्ज की। इस घटना में मृतक का भाई भी घायल हो गया था। डाक्टरों ने उपचार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी।
महिला के परिजनों का आरोप है कि जनरल टिकट होने के बाद भी ट्रेन की पार्सल बोगी में बैठने के एवज में आरपीएफ के जवान ने 50 रुपये रिश्वत मांगी थी जिसे उन्होंने देने से इंकार कर दिया। रुपये न मिलने से झल्लाये आरपीएफ जवान ने महिला को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। गंभीर रूप से घायल महिला को मंगलवार देर रात जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। आरोपी जवान को रेल प्रशासन ने फिलहाल निलंबित कर दिया है।
हावड़ा से जा रहे थे कानपुर
मूलरूप से पश्चिम बंगाल के अंडाल निवासी मानिक चंद पटेल मंगलवार शाम अपनी भतीजी रीता देवी (25 वर्ष) और उसके भाई जयदीप को लेकर कानपुर जा रहे थे। रीता के भाई के मुताबिक तीन साल पहले उसकी बहन की शादी अमृतसर आर्मी कैंटीन में काम करने वाले सर्वेश से हुई थी। सर्वेश मूलरूप से कानपुर के थोड़ा आगे रूरा का रहने वाला है। कुछ दिन पहले रीता अपने मायके आई थी और मंगलवार को वह और उसके चाचा की बहन को उसकी डेढ़ साल की बेटी काजल के साथ हावड़ा से अमृतसर जा रही ट्रेन से कानपुर छोड़ने जा रहे थे। रीता के चाचा मानिकचंद का आरोप है कि जब वह ट्रेन में सवार हुए तो उन्होंने जनरल टिकट लिया था लेकिन जगह नहीं मिली तो वह तीनों ट्रेन की पार्सल बोगी में सवार हो गए। बदले में उन लोगों ने रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को 50 रुपये दिए थे। इसके बाद ट्रेन जब मंगलवार देर रात वाराणसी कैंट स्टेशन पहुंची तो प्लेटफार्म नंबर पांच पर ट्रेन के रुकते ही नीली टोपी पहनकर हाथ में वायरलेस और एक बुक लेकर पार्सल बोगी में जवान पहुंचे और अंदर बैठे मानिकचंद, उसके भतीजे जयदीप और भतीजी रीता से पूछताछ करने के बाद बदले में 50 रुपये मांगने लगे।
टिकट था फिर भी गुंडई
रीता के चाचा का आरोप है कि आरपीएफ के जवानों ने पार्सल यान में बैठने के एवज में उनसे रुपये मांगे तो उन्होंने पास मौजूद जनरल टिकट दिखाया लेकिन टिकट देखने के बाद आरपीएफ के एक जवान का पारा और चढ़ गया। उसने कहा कि रुपये दो नहीं तो ट्रेन से उतरो। ये सुनते ही मानिकचंद ने बताया कि वह लोग पहले ही 50 रुपये दे चुके हैं लेकिन उसने एक न सुनी और रुपये की मांग करता रहा। काफी देर तक रुपये न मिलने पर आरपीएफ के जवान ने पहले मानिकचंद को ट्रेन से उतारने की कोशिश की फिर बीच बचाव करने आई उसकी भतीजी रीता से भिड़ गया।
चल दी ट्रेन
मानिकचंद ने बताया कि आरपीएफ के एक जवान और उसकी भतीजी में हाथापाई होने लगी। वर्दी पहने जवान ने उसकी भतीजी को ट्रेन से बाहर करने की कोशिश की। इस बीच ट्रेन चल दी, तभी आरपीएफ के जवान ने रीता को ट्रेन के अंदर से प्लेटफार्म पर फेंक दिया। प्लेटफार्म पर गिरने से रीता के सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोट पहुंची। हैवान बने जवान ने जयदीप और मानिकचंद को भी पीटा। इसके बाद वह वहां से चलता बना। जवान के जाने के बाद मानिकचंद ने घायल रीता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन देर रात इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
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जीआरपी का कोई नहीं
इस घटना में जीआरपी का कोई सिपाही संलिप्त नहीं पाया गया है। जांच शुरू हो गई है। मृतक राधा के चाचा की तहरीर पर एफआइआर दर्ज कर ली गई है।
सुनीता सिंह, प्रभारी निरीक्षक
राजकीय रेलवे पुलिस, कैंट
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ऐसी घटना बर्दाश्त नहीं
मृतक के चाचा ने आरोपी जवान की पहचान की। इस घटना में कोई भी शामिल होता, उसकी हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाता। दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
-एसके पाल, स. सुरक्षा आयुक्त
रेलवे सुरक्षा बल, वाराणसी पोस्ट।