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नहीं होगा रेलवे का निजीकरण

वाराणसी : अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को कई सौगात दे चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलकर्मियों क

By Edited By: Published: Fri, 26 Dec 2014 01:43 AM (IST)Updated: Fri, 26 Dec 2014 01:43 AM (IST)
नहीं होगा रेलवे का निजीकरण

वाराणसी : अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को कई सौगात दे चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलकर्मियों की बड़ी आशंका को दूर करते हुए दो टूक कहा कि रेलवे के निजीकरण की बात कोरी अफवाह है। किसी भी हाल में रेलवे का निजीकरण नहीं होगा। हम रेलवे के विकास के लिए अमीरों का पैसा लेंगे, गरीबों पर भार डालने का चलन अब बंद होगा। स्वच्छता अभियान के लिए नौ और रत्नों की घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री ने शिक्षा, संस्कृति व धरोहरों के संरक्षण व उन्नयन का आह्वान करते हुए स्पष्ट किया कि हमें खुद को विश्व के अनुरूप बनाना होगा, विश्व हमारी तरफ देख रहा है।

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प्रधानमंत्री बनने के बाद गुरुवार को दूसरी बार अपने संसदीय क्षेत्र पहुंचे नरेंद्र मोदी ने तीन स्थानों पर आयाजित कार्यक्रमों को संबोधित किया। करीब 213 करोड़ की डीजल इंजन रेल कारखाना विस्तारीकरण योजना की आधारशिला रखने व 4500 अश्व शक्ति के डीजल रेल इंजन का लोकार्पण करने के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस इंजन में 96 फीसद वस्तुएं स्वदेशी हैं, इसे सौ फीसद तक लाना है। यह मेक इन इंडिया की ओर बढ़ता हमारा कदम है, जिसे रेलवे से बहुत उम्मीदें हैं। देश के चारों कोनों में चार रेल विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा करते हुए मोदी ने रेलवे के संसाधनों का अन्य क्षेत्रों में भी लाभ लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिन ग्रामीण स्टेशनों पर बिजली की व्यवस्था है, वहां दो तीन कमरे बनाकर युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट कक्षाएं चलाई जा सकती हैं। अपनी सांसद निधि, वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मो पर बेंच लगाने के लिए दे देने वाले नरेंद्र मोदी ने आह्वान किया कि सभी सांसद, अपनी निधि से अपने क्षेत्र के रेलवे स्टेशनों पर बेंच लगवाएं ताकि हजारों यात्रियों के बैठने की व्यवस्था हो सके।

इसके पूर्व बीएचयू में अंतर विश्व विद्यालयीय शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र का शिलान्यास करने के बाद पूरे विश्व में योग्य शिक्षकों की कमी का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि हमें यह जतन करना होगा कि 65 फीसद युवाओं वाले इस मुल्क में इंटर के बाद ही शिक्षा की ऐसी संस्कृति पैदा करें कि भारत ही नहीं दुनिया से योग्य शिक्षकों की कमी समाप्त हो जाए। सवाल खड़े करने के बाद अपेक्षा करते हुए अपनी बात रखने के निराले अंदाज के क्रम में मोदी ने कहा कि ऐसा क्यों नहीं हो सकता कि स्कूलों में हर शाम हम अपनी विरासतों व धरोहरों पर नाट्य मंचन करें। काशी में बाबा विश्वनाथ व मां गंगा के नाते देश विदेश से लोग आते हैं, अपने इन प्रयासों से हम उन्हें यहां रोक सकते हैं, रोजगार के अवसर पा सकते हैं। ऐसा ही पूरे देश में किया जा सकता है। योग पर भारत के प्रयासों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के भारतीय प्रस्ताव को 177 देशों ने समर्थन दे दिया है। योग हमारी विरासत है और स्वस्थ समाज निर्माण में योग का बड़ा योगदान हो सकता है।

इसके पूर्व अपने निर्धारित कार्यक्रम से एक घंटा इकतीस मिनट विलंब से वाराणसी हवाईअड्डा पहुंचे प्रधानमंत्री का मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वागत किया। मोदी ने सबसे पहले लंका स्थित महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, अस्सी घाट का निरीक्षण करते हुए स्वच्छता अभियान में लगी संस्थाओं व विभागों की सराहना भी की। काशी से नौ रत्‍‌नों की दूसरी सूची जारी करते हुए प्रधानमंत्री ने पूरे देश को क्रिसमस की बधाई दी, महामना मालवीय को याद किया, अटल बिहारी वाजपेयी को विनम्रतापूर्वक जन्मदिन की बधाई दी और पूर्व काशी नरेश विभूति नारायण सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धाभाव अर्पित किए। शाम सवा पांच बजे प्रधानमंत्री, वाराणसी से रवाना हो गए।


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