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कानून से नहीं रुकेगा काला धन

जागरण संवाददाता, वाराणसी : अवैध तंत्र के कारण देश में काले धन की समस्या है। इसे नियंत्रित करने के लि

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 09:33 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 09:33 PM (IST)
कानून से नहीं रुकेगा काला धन

जागरण संवाददाता, वाराणसी : अवैध तंत्र के कारण देश में काले धन की समस्या है। इसे नियंत्रित करने के लिए लोकपाल कानून भी बनाया जा चुका है। बावजूद अंकुश नहीं लग रहा है। दरअसल कालाधन व भ्रष्टाचार सिर्फ कानून की बदौलत नही रोका जा सकता है अपितु समाज को संवेदनशील होना होगा। तभी इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अर्थशास्त्र विभाग के तत्वावधान में मंगलवार को आयोजित 'भारत में काले धन की समस्या' विषयक संगोष्ठी का यह निष्कर्ष रहा। दो दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि मुख्य आयकर आयुक्त- लखनऊ जीएन पांडेय ने कहा कि असंवेदनशीलता काले धन का मुख्य कारण है। यदि मानव का प्रकृति से संवेदना हो जाय तो काले धन की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। ऐसे में हमें अपनी लोक कथाओं को पहचानने की जरूरत है। संवेदना नैतिक-अनैतिक का विभेद स्वयं ही सिखाता है।

विशिष्ट अतिथि बृज विश्वविद्यालय भरतपुर-राजस्थान के कुलपति प्रो. केडी स्वामी ने कहा कि अवैध तंत्र के कारण देश में काले धन की समस्या गंभीर हुई है। कर चोरी, नकली नोट, तस्करी, घूसखोरी, जमाखोरी व भ्रष्टाचार सहित अन्य कारणों से काला धन की समस्या नियन्त्रणहीन होती जा रही है। इसके उन्मूलन के लिए आर्थिक संस्थानों के विकास व कराधान पद्धति में समुचित सुधार की आवश्यकता है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति डा. पृथ्वीश नाग ने कहा कि आर्थिक व्यवहार में स्वमूल्याकन, परिवार व समाज तक विस्तारित करना आवश्यक है। आज समाज में इसकी कमी के कारण ही शिक्षा जैसी पवित्र संस्था भी भ्रष्टाचार की चपेट में है। इस मौके पर 'स्मारिका' तथा 'भारत में महिला सशक्तिकरण की चुनौतिया' व 'चैलेन्जेस ऑफ वूमन एम्पावरमेण्ट इन इण्डिया' नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। विषय प्रवर्तन प्रो. एसएन चतुर्वेदी, स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो. मुन्नी लाल, संचालन डा. पारस नाथ मौर्य व धन्यवाद ज्ञापन डा. इन्द्रा कुशवाहा ने किया। दूसरे सत्र में करीब चालीस शोधपत्र पढ़े गए।


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