आचार्य नरेंद्र देव की स्मृतियां संजोई
वाराणसी : समाजवादी आंदोलन के पुरोधा आचार्य नरेंद्र देव की स्मृतियां संजोई गई। शुक्रवार को जयंती पर व
वाराणसी : समाजवादी आंदोलन के पुरोधा आचार्य नरेंद्र देव की स्मृतियां संजोई गई। शुक्रवार को जयंती पर विभिन्न स्थानों पर संगोष्ठी में उनके व्यक्तित्व- कृतित्व का बखान किया गया। वक्ताओं के विचारों का मूल था कि मौजूदा दौर में आचार्य के विचारों की प्रासंगिकता बढ़ी है। वर्ष 1930 में आचार्य के विचार जितने प्रासंगिक थे वे आज भी शाश्वत हैं।
नई पीढ़ी प्रेरणा लें : जन कल्याण परिषद की ओर से आइडीएच कालोनी पार्क में आचार्य की जयंती पर संगोष्ठी आयोजित की गई। नगर आयुक्त उमाकांत त्रिपाठी ने कहा कि आचार्य नरेंद्र देव का राष्ट्रवादी व समाजवादी आंदोलन में बहुमूल्य योगदान रहा है। कहा कि आचार्य के जीवन दर्शन से नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। पूर्व डीआईजी (रेलवे) पं. गंगा गिरीश शुक्ला ने कहा कि आचार्य ने समाजवाद को भारतीय संदर्भ में नया आयाम दिया है। अध्यक्षता करते हुए परिषद के प्रदेश अध्यक्ष गंगा सहाय पांडेय ने कहा कि नई पीढ़ी को आचार्य के जीवन दर्शन से परिचित कराने की जरूरत है। संचालन शिव सहाय पांडेय, स्वागत नेहरू पाण्डेय व धन्यवाद राम प्रसाद शरण ने किया। डा. बनवारी सिंह, विजय कुमार श्रीवास्तव, सीताराम, डा.जयशंकर, सिद्धनाथ शर्मा आदि उपस्थित थे।
जानें जीवन का अर्थ : पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग (विद्यापीठ) की ओर से केंद्रीय ग्रंथालय के समिति कक्ष में 'वर्तमान समय में आचार्य नरेंद्र देव के विचारों की प्रासंगिकता' विषयक संगोष्ठी हुई। प्रो. कृष्णकांत ने कहा कि आचार्य का यह प्रबल विश्वास था कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन के अर्थ व महत्व को जानना चाहिए। मुख्य वक्ता प्रो. रामचंद्र सिंह ने कहा कि आचार्य ने भारतीय संस्कृति को शिक्षा के जरिए आगे लाने का कार्य किया है। विशिष्ट अतिथि थे मैगसेसे अवार्डी डा. संदीप पांडेय। पत्रकार राघवेंद्र दुबे ने कहा कि आचार्य कहा करते थे कि सांस्कृतिक एकरूपता बढ़ाने की कोशिश में सांस्कृतिक स्वायत्तता की बलि नहीं देनी चाहिए। प्रो. परमानंद सिंह, प्रो. सतीश राय, विजय शंकर पांडेय, राधेश्याम सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता विजय नारायण, विषय प्रवर्तन प्रो. अनिल कुमार उपाध्याय, संचालन डा. विनोद कुमार सिंह व धन्यवाद डा. प्रभाशंकर मिश्र ने किया।
सारनाथ स्थित चंद्रशेखर स्मारक सेवा समिति की ओर से आयोजित संगोष्ठी में सपा जिलाध्यक्ष सतीश फौजी ने कहा कि आचार्य के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। प्रो. परमानंद सिंह, पवन पांडेय, वेद प्रकाश, अरविंद सिंह आदि ने विचार व्यक्त किए। स्वागत रमेश सिंह, संचालन डा. बेनी माधव व धन्यवाद गुप्तेश्वर सिंह ने किया।